विश्व आर्थिक मंच वित्त पोषित बहुराष्ट्रीय कंपनियों के एजेंडों का करती है समर्थन
नई दिल्ली, 24 जनवरी (हि.स.)। विश्व आर्थिक मंच केवल उन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के एजेंडों को आगे बढ़ाता है, जो इसे वित्त पोषित करती हैं। ऐसे में दावोस मंच से कल्याण की उम्मीद न करें। स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने अपने एक लेख में यह बात कही है।
अश्विनी महाजन ने स्विट्जरलैंड के दावोस में 15 से 19 जनवरी तक आयोजित विश्व आर्थिक मंच 2024 सम्मेलन पर कहा कि यह मंच समावेशी नहीं है। महाजन ने अपने विश्लेषण में कहा कि सैकड़ों बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा वित्त पोषित यह मंच भारी सदस्यता और भागीदारी शुल्क लेता है। ऐसे में जो लोग समाज के कम भाग्यशाली वर्गों के कल्याण के बारे में चिंतित हैं, वे भाग नहीं ले सकते।
दरअसल दावोस में आयोजित पांच दिवसीय विश्व आर्थिक मंच 2024 सम्मेलन मुख्य रूप से इस बात पर केंद्रित था कि कैसे 'कुशल साझेदारी' के बजाय दोस्ती वैश्विक स्तर पर व्यापार और निवेश को बढ़ावा दे रही है। महाजन ने कहा कि विश्व आर्थिक मंच 1971 से व्यापार, भू-राजनीति, सुरक्षा, सहयोग, ऊर्जा, पर्यावरण और प्रकृति सहित कई अहम विषयों पर चर्चा की है। दावोस में आयोजित सम्मेलन में 60 देशों के शासनाध्यक्षों, आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की मशहूर हस्तियों ने भाग लिया। लेकिन ऐसा लगता है कि यह मंच केवल उन दिग्गज कंपनियों के हितों की सेवा करता है, जो इसकी गतिविधियों को वित्तपोषित करती हैं, आम लोगों के नहीं।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/आकाश
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