जैसे लोग चन्द्रगुप्त मौर्य के स्वर्ण युग को याद करते थे वैसे ही मोदी युग के भारत को याद करेंगेः डॉ. मनसुख मांडविया

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जैसे लोग चन्द्रगुप्त मौर्य के स्वर्ण युग को याद करते थे वैसे ही मोदी युग के भारत को याद करेंगेः डॉ. मनसुख मांडविया


जैसे लोग चन्द्रगुप्त मौर्य के स्वर्ण युग को याद करते थे वैसे ही मोदी युग के भारत को याद करेंगेः डॉ. मनसुख मांडविया


रायपुर, 27 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय श्रम व रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने पिछले एक दशक से एक नई संस्कृति विकसित की है। एक दशक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट की कार्य संस्कृति को बदल दिया। डॉ. मांडविया शनिवार को राजधानी में केंद्र सरकार के बजट पर संवाद हेतु आहूत बुद्धिजीवियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि जैसे लोग चन्द्रगुप्त मौर्य के स्वर्ण युग को याद करते थे वैसे ही मोदी युग के भारत को याद करेंगे। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि मोदी जी की विकसित भारत यात्रा के साक्षी हैं।

केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि बजट घोषणाओं और आर्थिक प्रावधानों का दस्तावेज भर नहीं हो सकता है बल्कि बजट सरकार की कार्यशैली का प्रतिबिंब होता है। सरकार क्या चाहती है, सरकार कौन-सी दिशा में जा रही है, सरकार ने बजट में क्या कहा, सरकार का इस कथन के पीछे उद्देश्य क्या है, कुल मिलाकर, एक साल का शॉर्ट टर्म प्लान होता है और उसके साथ-साथ लॉन्ग टर्म विजन उसमें से दिखाई देता है।

डॉ. मंडाविया ने कहा कि श्री मोदी ने 9 प्राथमिकता तय की है। पहली प्राथमिकता को बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि 5 साल तक के बजट में कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता पर जोर दिया है। देश में कृषि सशक्त नहीं होगी तो राष्ट्र सशक्त नहीं होगा। इसलिए कृषि कल्याण का कार्यक्रम उठाना होगा। देश में व्यापार उद्योग को वर्तमान समय की परिभाषा में उसको रूपांतरित करें तो देश के व्यापार को प्रोत्साहित करना होगा और देश के व्यापार वाणिज्य को प्रोत्साहित करने से संपत्ति का सृजन होता है जिसमें कुशलता है, एंटरप्रेन्योरशिप है, अच्छी स्किल है, ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने से इस संपत्ति का सृजन होगा तो राज्य की तिजोरी में टैक्स डालेगा और राज्य की तिजोरी में टैक्स आएंगे तो राज्य की तिजोरी समृद्ध होगी, इसलिए श्री मोदी ने कहा कि राज्य में किसानों का कल्याण होना चाहिए। आज किसान सम्मान निधि दी जाती है, आज उनको फर्टिलाइजर में सब्सिडी दी जाती हैं।

केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि अब प्राकृतिक खेती पर जोर देने की आवश्यकता है। बजट में इसके लिए बड़ा प्रावधान किया गया है। श्री मांडविया ने कहा कि रोजगार और कौशल प्रशिक्षण, रोजगार, एंपावरमेंट पर ध्यान देना जरूरी है। हमारे देश के युवाओं में रही शक्तियों को कैसे सपोर्ट करें, उसको रोजगार का अवसर कैसे मिले, इसलिए देश में इस बजट में 5 साल में चार करोड़ युवाओं को रोजगार देने के लिए कार्यक्रम तय किया। आज पहली बार मोदी जी ने इम्प्लाॅमेंट लिंक दिया है, जॉब लेने वाले को भी मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि केंद्रीय पोर्टल पर जाकर देखिए 30 लाख जॉब देने वाले अपॉइंटमेंट देने वाले लोग एक प्लेटफार्म पर है और हर महीने में 15-20 लाख जॉब का विज्ञापन वहां देते हैं और कहते हैं कि हमारे यहां जॉब है लेकिन हमारे पास स्किल्ड मैन पावर नहीं है। बजट में प्रावधान के तहत स्किल्ड मैन पावर तैयार करेंगे, एक हजार आईटीआई को ट्रेनिंग का काम हब के रूप में करेगी। दूसरा एक महत्वपूर्ण निर्णय हुआ कि हम ऐसे एक करोड़ युवाओं को टॉप मोस्ट 500 कंपनी में इंटर्नशिप करने के लिए पांच हजार रुपये का स्टाइपेंड भी देंगे। वहां से बाहर निकला हुआ युवा और डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज में चले जाएंगे और डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज में उसको सामने से बोलकर जॉब देंगे।

केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 10 प्रतिशत के हिसाब से ग्रोथ कर रहा है ।दस साल में हमारे देश में इंडस्ट्रीज डबल हो जाए, इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। हमारी सरकार की प्राथमिकता मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आगे बढ़ाने की है और सर्विस सेक्टर में हमारी दुनिया की अपॉर्चुनिटी को इंप्रेस करके हमारे युवा डिजिटल टेक्नोलॉजी के द्वारा यहां बैठे-बैठे दुनिया के काम कर पाएँ और डॉलर में पैसा कमा पाएँ, इस प्राथमिकता के साथ हम बजट में व्यवस्था कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि पीछे रहना श्री मोदी को मंजूर नहीं है। श्री मोदी हमेशा टोटल अप्रोच के साथ आगे बढ़ते हैं। हम भाषण पर राजनीति चलाने वाले लोग नहीं है।भाषण तो आपने भी बहुत सुना होगा लेकिन जब भूतकाल बन जाता है तो हमें याद नहीं रहता है। 85-86 में एक स्लोगन सुना गया, भारत को 21वीं सदी में ले जाना है। 21वीं सदी की बात होती थी और उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे। विचार उनका सही था लेकिन हुआ क्या? उनकी कमिटमेंट में कमी थी।इसलिए श्री मोदी ने कहा कि ऐसा नहीं होगा। हम जो कहेंगे, वह कमिटमेंट के साथ पूरा करने की कोशिश करेंगे।केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि कोविड के दौरान दुनिया कहती थी कि इंडिया में जितनी मृत्यु होगी, उसके आधार पर दुनिया का फिगर बनेगा। दुनिया को लगता था कि इंडिया मैनेज नहीं कर पाएगा और जब कोविड पूरा हुआ तो एक मिलियन पॉपुलेशन में सबसे कम मृत्यु भारत में हुई थी। इंडिया में कोविड मैनेजमेंट कर लिया। हमें 25 साल में ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना है, हमारा बजट कंटीन्यूअस इंफ्रास्ट्रक्चर के पीछे 10 साल तक 14 लाख करोड़ से अधिक होना चाहिए। हमारी सरकार के पहले बजट में सवा चार लाख करोड़, 2017 के हमारे बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आठ लाख करोड़ का था और अब बढ़कर के 2024 में वह सवा 11 लाख करोड़ हुआ है और 2 साल में बजट 14 लाख करोड़ का हो जाएगा।

केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि रिसर्च को कर्मिशियालाईज करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी परंतु आज कोई हमारे प्रोफ़ेसर हो कोई साइंटिस्ट हो किसी भी जगह पर जॉब करता हो, और उन्होंने कोई रिसर्च की हो, वह प्राइवेट कंपनी में आकर कहे कि उसकी मैन्युफैक्चरिंग कर दो तो उसके साथ उसकी यह साइंटिस्ट को पार्टनरशिप करने की छूट है। 50 साल के बाद यह देश का नया इतिहास आनेवाली पीढ़ी पढ़ेगी तो चंद्रगुप्त मौर्य के स्वर्णयुग की तरह ही नरेंद्र मोदी के कार्यकाल पर गर्व करेंगे।सरदार पटेल साहब का सपना अधूरा रहा था, वह धारा 370 मोदी के समय में हटी थी। अयोध्या में राम मंदिर बना था। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पर नरेंद्र मोदी ने एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान के नापाक इरादे को ध्वस्त कर कठोर एक्शन लिया था।

इससे पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के प्रमुख विषय प्रधानमंत्री मोदी की विकासशील भारत को विकसित भारत की ओर ले जाने की परिकल्पना और संकल्पना पर चर्चा की। रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज जो हमारा बजट है वह 48 लाख 21 हजार करोड़ का बजट पूरे भारत का बना है और यह पिछले साल से 18% ज्यादा का बजट है। इस बजट में 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए है। प्रधानमंत्री ने इसलिए जातिवाद के आधार पर राजनीति करने की बजाय चार वर्गों की बात की। युवा, महिला, किसान और गरीब, इनमें सभी जातियां समाहित हो जाती हैं।आने वाले 5 सालों में इस देश की अर्थव्यवस्था तीसरे नंबर भारत की आर्थिक स्थिति कैसी होगी, भारत के लोगों का विकास कैसे होगा, यह साफ दिखाई दे रहा है।

कार्यक्रम में रायपुर, महासमुंद, धमतरी, आरंग, बागबाहरा, धरसीवा सहित कई क्षेत्रो से छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स, सराफा एसोसिएशन, कैट, सीए एसोसिएशन, डॉक्टर एसोसिएशन, अर्थशास्त्री, शिक्षक, युवा, महिलाये सहित कई सामाजिक संगठन मौजूद रहे।

इस मौके पर मंच संचालन भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने किया और प्रदेश भाजपा महामंत्री भरत वर्मा ने आभार प्रदर्शन किया।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा / प्रभात मिश्रा

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