वैश्विक शोध सहयोग में आईआईटी खड़गपुर की बढ़ी प्रतिष्ठा, प्राध्यापकों को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

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वैश्विक शोध सहयोग में आईआईटी खड़गपुर की बढ़ी प्रतिष्ठा, प्राध्यापकों को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान


वैश्विक शोध सहयोग में आईआईटी खड़गपुर की बढ़ी प्रतिष्ठा, प्राध्यापकों को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान


खड़गपुर, 16 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के प्राध्यापकों को ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के साथ स्वीकृत शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग संवर्धन योजना (स्पार्क) के चरण 4ए परियोजनाओं के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।

नई दिल्ली में आयोजित तृतीय भारत–ऑस्ट्रेलिया शिक्षा एवं कौशल परिषद बैठक के दौरान सोमवार को आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर किंशुक नस्कर (प्रधान अन्वेषक), डॉ. पार्थसारथी चक्रवर्ती (सह-प्रधान अन्वेषक) तथा प्रोफेसर नारायण चंद्र दास (प्रधान अन्वेषक) को औपचारिक स्वीकृति आदेश और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। यह सम्मान भारत सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।

स्पार्क योजना का उद्देश्य भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों के बीच अनुसंधान एवं शैक्षणिक सहयोग को सशक्त बनाना है। इस उपलब्धि से अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोगों में आईआईटी खड़गपुर की अग्रणी भूमिका और उसकी वैश्विक शैक्षणिक प्रतिष्ठा और अधिक मजबूत हुई है।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती ने कहा कि स्पार्क चरण 4ए कार्यक्रम के अंतर्गत यह सम्मान आईआईटी खड़गपुर की उच्च प्रभाव वाले अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोगों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने सम्मानित प्राध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ ऐसी साझेदारियां न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देती हैं, बल्कि वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए सहयोगात्मक नवाचार को भी सशक्त बनाती हैं।

आईआईटी खड़गपुर अनुसंधान, नवाचार और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सहभागिता के क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है।--------------

हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

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