डिजिटल ट्विन्स में वैश्विक नेतृत्व की ओर भारत, आईआईटी खड़गपुर ने रखी ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ की दूरदर्शी रूपरेखा
खड़गपुर, 17 दिसंबर (हि.स.)। डिजिटल ट्विन्स के क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेतृत्व दिलाने की दिशा में आईआईटी खड़गपुर ने एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। डिजिटल ट्विन कंसोर्टियम की ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में संस्थान के निदेशक प्रो. सुमन चक्रवर्ती ने डिजिटल ट्विन्स के लिए प्रस्तावित ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के माध्यम से वैश्विक सहयोग की दूरदर्शी रूपरेखा प्रस्तुत की।
आईआईटी खड़गपुर द्वारा बुधवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “डिजिटल ट्विन्स के माध्यम से भविष्य की पुनर्कल्पना : वैश्विक सहयोग के लिए आईआईटी खड़गपुर की दृष्टि” विषय पर अपने संबोधन में प्रो. चक्रवर्ती ने कहा कि डिजिटल ट्विन तकनीक आने वाले समय में साइबर–फिजिकल नवाचार की दिशा और स्वरूप को पूरी तरह बदल देगी। उन्होंने इसे केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित न बताते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति तक प्रभाव डालने वाली तकनीक बताया।
इस अवसर पर आईआईटी खड़गपुर के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र अर्जुन मल्होत्रा और देबेंद्र मिश्रा सहित उद्योग, शिक्षाजगत और वैश्विक प्रौद्योगिकी कंसोर्टियम से जुड़े कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
प्रो. चक्रवर्ती ने कहा कि डिजिटल ट्विन्स प्रतिक्रिया आधारित प्रणाली से पूर्वानुमान आधारित प्रणाली की ओर बदलाव का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां संकट प्रबंधन के स्थान पर अनुकूलन, सामान्य समाधान की जगह वैयक्तिकरण और प्रदर्शन से समझौता किए बिना सततता को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने परस्पर-संगत डिजिटल ट्विन्स के एकीकृत मल्टीवर्स की परिकल्पना भी प्रस्तुत की।
उन्होंने बताया कि डिजिटल ट्विन्स का उपयोग स्वास्थ्य सेवा, बायोमेडिकल उपकरण, अवसंरचना, गतिशीलता एवं स्वायत्त प्रणालियां, विनिर्माण, वैश्विक आपूर्ति शृंखला, जलवायु, कृषि, स्मार्ट कैंपस, ऊर्जा और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है।
निदेशक ने स्पष्ट किया कि नवाचार की अगली लहर अलग-थलग प्रयासों से नहीं, बल्कि वैश्विक सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र से उत्पन्न होगी। इसी क्रम में उन्होंने डिजिटल ट्विन कंसोर्टियम के साथ आईआईटी खड़गपुर के रणनीतिक सहयोग को संयुक्त अनुसंधान, सह-विकास परियोजनाओं और जलवायु, खाद्य, स्वास्थ्य एवं सततता जैसी वैश्विक चुनौतियों के समाधान से जोड़ा।
उन्होंने भारत को राष्ट्र-स्तरीय, बड़े पैमाने पर डिजिटल ट्विन परिनियोजन के लिए एक आदर्श परीक्षण मंच बताते हुए कहा कि देश के पास विशाल वास्तविक डेटा, नवाचार के लिए अनुकूल जटिल प्रणालियां, सरकारी समर्थन और सक्षम औद्योगिक भागीदार उपलब्ध हैं। उनके अनुसार, आईआईटी खड़गपुर के साथ साझेदारी डिजिटल ट्विन्स के वैश्विक सत्यापन और क्रियान्वयन का अनूठा अवसर प्रदान करती है।
समापन वक्तव्य में प्रो. चक्रवर्ती ने कहा कि भारत के अग्रणी तकनीकी विश्वविद्यालयों और विश्व के दूरदर्शी डिजिटल ट्विन नेटवर्क को मिलकर एक ऐसा साइबर–फिजिकल नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना चाहिए, जो प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि सतत, सुदृढ़ और बुद्धिमान मानवीय भविष्य के लिए कार्य करे।
यह सत्र वैश्विक उद्योग और शैक्षणिक जगत में विशेष चर्चा का विषय रहा। आईआईटी खड़गपुर की प्लेटिनम जयंती मिशन के तहत डिजिटल ट्विन्स के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता की दिशा में यह पहल व्यापक मानवीय कल्याण की ओर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

