उपराष्ट्रपति ने औपनिवेशिक कानूनों की विरासत को ग्लोबल साउथ के देशों के लिए अत्यधिक बोझिल बताया

उपराष्ट्रपति ने औपनिवेशिक कानूनों की विरासत को ग्लोबल साउथ के देशों के लिए अत्यधिक बोझिल बताया
WhatsApp Channel Join Now
उपराष्ट्रपति ने औपनिवेशिक कानूनों की विरासत को ग्लोबल साउथ के देशों के लिए अत्यधिक बोझिल बताया


नई दिल्ली, 27 नवंबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि औपनिवेशिक कानूनों की विरासत ग्लोबल साउथ के देशों में कमजोर वर्गों के लिए अत्यधिक बोझिल रही है। इन कानूनों को स्थानीय आबादी के लिए बहुत कठोर, दमनकारी और शोषणकारी बताते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि समय आ गया है जब ग्लोबल साउथ देशों को भारत के उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए और पुराने औपनिवेशिक कानूनों की समीक्षा करने पर विचार करना चाहिए जो स्थानीय आबादी के खिलाफ पूर्वाग्रह को कायम रखते हैं।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आज नई दिल्ली में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कमजोर लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण कानूनी सहायता तक पहुंच सुनिश्चित करना: ग्लोबल साउथ में चुनौतियां और अवसर विषय पर पहले क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। सम्मेलन का आयोजन भारतीय राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण ने इंटरनेशनल लीगल फाउंडेशन, यूएनडीपी और यूनिसेफ के साथ मिलकर किया है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, “जैसा कि ग्लोबल साउथ एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अपनी यात्रा शुरू कर रहा है, अपने औपनिवेशिक अतीत की बेड़ियों को छोड़ना और अन्याय और असमानता को कायम रखने वाली ऐतिहासिक गलतियों को उलटने के लिए मिलकर प्रयास करना अनिवार्य है। यह एक सामान्य ख़तरा है।”

यह देखते हुए कि भारत पुराने कानूनों की समीक्षा करने की प्रक्रिया में है, धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि यह हमारे दृष्टिकोण में व्यापक बदलाव लाएगा और उन शोषणकारी प्रावधानों को पूरी तरह से रोकेगा, काबू करेगा और नष्ट कर देगा। उन्होंने सुझाव दिया, ग्लोबल साउथ के देशों के लिए अच्छा होगा कि वे इन क्षेत्रों में भारत द्वारा की गई कार्रवाई का बारीकी से अध्ययन करें और उन्हें उपयुक्त रूप से अनुकूलित करने के बाद अपने देशों में लागू करें।

भारत में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए समावेशी और सस्ती कानूनी सहायता के प्रतीक के रूप में एनएएलएसए की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि न्याय वितरण का एनएएलएसए मॉडल ग्लोबल साउथ के देशों के लिए अनुकरणीय है।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/दधिबल

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story