राजस्थान के नवनिर्वाचित विधायकों के लिए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने किया ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्घाटन
जयपुर, 16 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान के नवनिर्वाचित विधायकों के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत के संविधान की पहली कॉपी में हमारी पांच हजार साल पुरानी सभ्यता के चित्र हैं। यह कॉपी सबको उपलब्ध होनी चाहिए। दुनिया के लिए भारत प्रजातंत्र की दृष्टि से आदर्शवादी है, क्योंकि हमारी सांस्कृतिक विरासत पांच हजार साल की है, किसी और देश की नहीं है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आसन पर बैठने वाले को सबका ध्यान रखना होता है। कई हल्की-फुल्की बातें ऐसी हो जाती हैं कि उन्हें लेकर नहीं बैठ सकते। मेरे बारे में खड़गे साहब ने कहा था कि आने वाला मौसम कैसा रहेगा, यह कितना सताएगा। मेरे बारे में राजस्थान में भी टिप्पणी हुई लेकिन क्या गांठ बांध लूं, यह ठीक नहीं है। हर सदस्य का आचरण मर्यादित होना चाहिए। गांठ बांधकर नहीं रखें। कई सांसद अफसरों के बारे में शिकायत करते हैं। मैंने गहन अध्ययन किया है। हो सकता है कि कोई विशेष परिस्थिति हो और दिक्कत हो। अफसर सत्ता पक्ष के ही अंग नहीं, आपके भी हैं। मेरे पास भी अफसरों की शिकायत लेकर सांसद आते हैं। अफसर का दायित्व है कि वह जनप्रतिनिधि को सम्मान दे, लेकिन दोनों तरफ अंहकार नहीं हो। अफसरों का संपूर्ण विश्वास प्राप्त करना भी जनप्रतिनिधि का काम हैं। अफसर और जनप्रतिनिधि मिलकर चलें, यही प्रजातंत्र के लिए ठीक है।
उन्होंने कहा कि आज किसी भी सदस्य के बारे में सोशल मीडिया पर ऐसी भ्रांति फैलाई जा सकती है, जो एक बड़ी आग का रूप ले लेगी। इस सदन को तय करना है कि ऐसी चीजों पर अंकुश कैसे लगाया जाए? ताकि सार्थकता से हमारा जीवन चलता रहे, हमारे चरित्र हनन का प्रयास न हो। इसे रोकने के उपाय पर चिंतन करना होगा। सोशल मीडिया किसी का भी चरित्र हनन कर देता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सुझावों पर हमेशा अमल करें। आज विधायिका का आचरण देखकर लोग चिंतित हैं। अनुकरणीय आदर्शवादी आचरण होना चाहिए लेकिन विधायिका का आचरण उलटा है। प्रभावी बात तभी इतिहास में अंकित हो सकती है, जब सदन में अंकित हो जाए। हो-हल्ले से कही गई बात सुर्खी बन सकती है, लेकिन उसकी उम्र कम होती है। सदन नहीं चलने का सबसे ज्यादा फायदा सरकार को होता है। आप सरकार को कठघरे में खड़ा नहीं कर सकते, घेर नहीं सकते। नुकसान सरकार को भी होता है, क्योंकि उसे अच्छे सुझाव नहीं मिलते।
उन्होंने कहा कि लोग सड़क पर कई मुद्दों की चर्चा करते हैं लेकिन सदन में उन मुद्दों की चर्चा नहीं होती है। सदन में चर्चा का मतलब है कि पूरे देश में उसका प्रभाव पड़ता है। अंबेडकर ने चिंता जताई। ऐसा नहीं है कि भारत आजाद नहीं था। मुझे सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात लगती है कि अपने ही लोगों की बेवफाई की वजह से भारत ने आजादी खोई है। आज विपक्ष के विधायकों की गैर मौजूदगी खली है। उनके नहीं आने का कोई कारण होगा। इस जमाने में कोई सूचना नहीं मिले, यह संभव नहीं है। धनखड़ ने कहा कि मेरा हर विधायक को निमंत्रण है। हर विधायक नए संसद भवन में मेरा आतिथ्य स्वीकार करें। हर सदस्य परिवार सहित आए। उसका विशेष कारण है कि नया संसद भवन कोविड के बावजूद ढाई साल में बना है।
उल्लेखनीय है कि एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला संबोधित करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर/दधिबल
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