वैश्विक बदलावों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि : उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली, 27 सितंबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि शांति की स्थापना मजबूत स्थिति में ही संभव है, इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति सतत विकास के लिए आश्वासन है, अस्तित्व का एकमात्र रास्ता है। लेकिन भू-राजनीतिक विन्यास और संघर्षों ने सुरक्षा परिदृश्य में व्यापक बदलाव किया है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आज नई दिल्ली स्थित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में अंतरराष्ट्रीय सामरिक सहभागिता कार्यक्रम (आईएन-स्टेप) के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए वैश्विक शांति और सतत विकास के बीच मूलभूत संबंध पर जोर दिया। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि विश्व मामलों की वर्तमान स्थिति सुरक्षा के लिए एक नए दृष्टिकोण की मांग करती है।
वैश्विक सुरक्षा परिप्रेक्ष्य को बदलने वाले गतिशील भू-राजनीतिक बदलावों पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि बहुपक्षीय भागीदारी अब वैकल्पिक नहीं रह गई है, बल्कि साइबर अपराध और आतंकवाद से लेकर जलवायु परिवर्तन और विघटनकारी प्रौद्योगिकियों तक के आधुनिक खतरों से निपटने के लिए आवश्यक है।
तकनीकी प्रगति के महत्व को संबोधित करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मशीन लर्निंग जैसी उभरती हुई तकनीकें वैश्विक नेरेटिव को आकार देने और गलत सूचनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। धनखड़ ने कहा, हानिकारक नेरेटिव को बेअसर करने के लिए विघटनकारी तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए, जिनमें तथ्यात्मक आधार की कमी हो सकती है, लेकिन खतरनाक वैश्विक वातावरण बनाने की क्षमता होती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार
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