संपूर्ण भारत को एकसूत्र में पिरोएगा 'अयोध्या उत्सव'

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संपूर्ण भारत को एकसूत्र में पिरोएगा 'अयोध्या उत्सव'


- भारत के इतिहास में सबसे बड़े ग्रैंड इवेंट के लिए जाना जाएगा वर्ष 2024

- अयोध्या उत्सव में लोक संस्कृति और कला की झलक

- 25 दिसम्बर तक सांस्कृतिक सुरों में बहेगी भक्ति की रसधार

अयोध्या, 23 दिसंबर (हि.स.)। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की खुशी अयोध्या ही नहीं बल्कि विश्वभर में है। देश की एकमात्र बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार, श्रीअयोध्या न्यास एवं प्रज्ञा की ओर से भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), इंडियन ओवरसीज बैंक, डॉ. अमृतलाल इशरत मेमोरियल सनबीम स्कूल, गेल और पेटीएम के सहयोग से शनिवार को तीन दिवसीय अयोध्या उत्सव का शुभारंभ हुआ।

उत्सव की कड़ी में 25 दिसंबर तक रंगारंग मंच पर सांस्कृतिक सुरों की शाम सजेगी और भक्ति की रसधार बहेगी। अयोध्या उत्सव में लोक संस्कृति और कला की झलक भी दिखेगी। रामकथा और रामायण परंपरा पर आधारित प्रवचनों की शृंखला देखने को मिलेगी। अयोध्या उत्सव का उद्देश्य संपूर्ण देश को एकसूत्र में पिरोने का प्रयास है। श्रीराम सत्संग भवन (श्री मणिराम दास छावनी परिसर) अयोध्या उत्सव का साक्षी बना।

राम हमारी प्रेरणा हैं, राम हमारी आस्था हैं। राम मंदिर सिर्फ एक मंदिर या पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि तीर्थस्थलों का एक स्तंभ है। श्रीराम की अयोध्या का अर्थ त्याग, लोकतंत्र और सम्मान है। अयोध्या हमेशा से सेवा के प्रति समर्पण की मिसाल रही है। नर सेवा ही नारायण सेवा है, यह यहां के धार्मिक आयोजन में दिखती है। 500 से अधिक वर्ष बाद 22 जनवरी 2024 को गर्व का क्षण होगा जब एक नई और भव्य अयोध्या को देश और दुनिया देखेगी।

लम्बे संघर्ष के बाद मंदिर आंदोलन एक निर्णायक स्थिति में परिवर्तित होकर रामराज्य की आधारशिला पुष्ट करते हुए उसके गुणगान को तैयार हो चुका है। भगवान राम साक्षात धर्म के स्वरूप हैं और राम मंदिर पूर्वजों के बलिदान व भावनाओं की सिद्धि है। पहले लोग अपने आप को हिंदू और भारतीय बोलने में संकोच करते थे। आज हर व्यक्ति सनातन और भारतीयता के प्रति सम्मान का भाव रखता है।

वर्ष 2024 भारत के इतिहास में सबसे बड़े ग्रैंड इवेंट के लिए जाना जाएगा। साथ ही उत्तर प्रदेश न सिर्फ महा उत्सवों के प्रदेश के रूप में उभरेगा, बल्कि पूरी तरह राममय दिखेगा। राम मंदिर पूर्वजों के बलिदान और भावनाओं की सिद्धि है। जब रामलला अपने मूल गर्भगृह में विराजमान होने जा रहे हैं, तब एक नए भारत का दर्शन होगा। वहीं श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या आतिथ्य सत्कार का एक आदर्श प्रस्तुत करेगा।

अयोध्या उत्सव में लोक में राम विषय पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की ओर से प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक दिन शाम पांच बजे रंगारंग सांस्कृतिक मंच पर लोक कलाकार प्रभु श्रीराम की महिमा का बखान और उनका गुणगान करेंगे। भक्ति-भाव से परिपूर्ण अपनी प्रस्तुति से रामभक्तों को रिझाएंगे भी।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/गिरजा शंकर/मोहित/पवन

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