पुंछ आतंकी हमले के अमर बलिदानी विक्की पहाड़े पंचतत्व में विलीन, वायु सेना के जवानों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
भोपाल, 06 मई (हि.स.)। पुंछ आतंकी हमले के अमर बलिदानी छिंदवाड़ा जिले के विक्की पहाड़े सैकड़ों नम आंखों के सामने सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उन्हें वायु सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी। देश पर मर मिटने वाले बलिदानी की अंतिम विदाई के छिंदवाड़ा समेत आसपास के कई ग्रामों के लोग भारी संख्या में शामिल हुए। उनका अंतिम संस्कार गृह ग्राम नोनिया करबल (छिंदवाड़ा) में किया गया। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जम्मू कश्मीर में आंतकियों के हमले में शहीद हुए वायुसेना के जवान विक्की पहाड़े को पुष्पचक्र अर्पित कर अपने श्रद्धसुमन अर्पित किए हैं।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर के शाहसितार में शनिवार को भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के एक काफिले पर घात लगाकर आतंकियों ने हमला किया था जिसमें आतंकियों से लोहा लेते हुए छिंदवाड़ा जिले के विक्की पहाड़े एवं अन्य चार अन्य उनके साथी सैनिक घायल हो गए थे, जिनको सेना के हेलीकाप्टर से उधमपुर आर्मी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, जहां देररात तक एक जवान कॉरपोर्ल विक्की पहाड़े ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
वायुसेना के जवान कॉर्पोरल विक्की पहाड़े का पार्थिव शरीर एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से नागपुर से सुबह 10.30 बजे इमलीखेड़ा हवाई पट्टी (छिंदवाड़ा) लाया गया था। गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद विशेष वाहन से पार्थिव शरीर को परासिया रोड से नोरिया करबल ले जाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अमर बलिदानी जवान कॉरपोरल पहाड़े अपने पीछे एक 5 वर्षीय पुत्र और पत्नी समेत अपने परिवार को छोड़ गए । पहाड़े घर के इकलौते पुत्र थे, उनकी तीन बहने हैं। घरवालों ने बताया कि अमर बलिदानी पहाड़े वैसे तीन दिन बाद बेटे के जन्मदिन के लिए घर आनेवाले थे ।
इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे । इस दौरान जहां उन्होंने परिवार के सदस्यों से बात कर सभी परिवारजन को सांत्वना दी। वहीं सीएम यादव ने कहा कि शहीद विक्की पहाड़े की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए एक स्मृति द्वार बनाया जाएगा। उनके नाम पर किसी वार्ड के नामकरण से संबंधित प्रस्ताव प्राप्त होगा, तो उसको स्वीकृत करेंगे।
डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार शहीद के परिजनों के 1 करोड़ की सहायता राशि प्रदान करने के लिए चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेज रही है। शहीद के आश्रितों में से किसी सदस्य को वायु सेना में नौकरी मिल सकती है, लेकिन जरूरत होने पर राज्य सरकार भी आश्रित को सरकारी सेवा प्रदान कर सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चुनाव की इस बेला में उन्होंने अपना कार्यक्रम परिवर्तित किया और वे छिंदवाड़ा पहुंचे, क्योंकि हमारे लिए चुनाव प्रचार से कहीं ज्यादा जरूरी शहीद का सम्मान है।
डॉ. मोहन यादव का कहना यही भी रहा कि हमारे बहादुर जवान पर हमें गर्व है, जिसने मातृभूमि की सेवा में अपना सर्वस्व समर्पित किया। जिन्होंने यह कायराना हमला किया उनको उसकी कीमत चुकाना पड़ेगी। देश ऐसे बहादुर जवानों से ही अपनी यात्रा तय करता आया है। हमें अपनी सेना पर गर्व है। राज्य सरकार अपने बहादुर जवान की शहादत को बेकार नहीं जाने देगी। सरकार शहीद के बालक की भी चिंता करेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मयंक/प्रभात
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