नई शिक्षा नीति को नहीं अपनाने वाले राज्य करें पुनर्विचार : उपराष्ट्रपति

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नई शिक्षा नीति को नहीं अपनाने वाले राज्य करें पुनर्विचार : उपराष्ट्रपति


नई दिल्ली, 08 सितंबर(हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज सभी लोगों से कम से कम एक व्यक्ति को साक्षर बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने उन राज्यों से अपील की जिन्होंने अभी तक नई शिक्षा नीति (एनईपी) को नहीं अपनाया है। उन्हाेंने कहा कि वे अपने रुख पर पुनर्विचार करें।

आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि नई शिक्षा नीति देश के लिए एक बड़ा बदलाव लाने वाली है।

उन्होंने कहा, यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारे युवाओं को उनकी प्रतिभा और ऊर्जा का पूरा दोहन करने का अधिकार देती है, जिसमें सभी भाषाओं को उचित महत्व दिया गया है।”

देश के संस्थानों को कलंकित और अपमानित करने वाले लोगों के प्रति आगाह करते हुए धनखड़ ने उन गुमराह लोगों को रास्ता दिखाने का आग्रह किया जो भारत के प्रभावशाली विकास को स्वीकार करने में सक्षम नहीं हैं और जमीनी हकीकत को नहीं पहचान रहे हैं।

इस दौरान उपराष्ट्रपति ने सभी से साक्षरता को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि हम प्रतिबद्धता और जुनून के साथ मिशन मोड में काम करें ताकि जल्द से जल्द 100 प्रतिशत साक्षरता सुनिश्चित की जा सके। उन्हें यकीन है कि यह जितना हम सोच रहे हैं, उससे भी पहले हासिल किया जा सकता है।

इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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