समय आ गया है जब भारतीयों के रूप में हमें आर्थिक राष्ट्रवाद में विश्वास करना चाहिए: उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली, 18 जनवरी (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को देशवासियों से आर्थिक राष्ट्रवाद में विश्वास करने की अपील करते हुए कहा कि समय आ गया है जब भारतीयों के रूप में हमें आर्थिक राष्ट्रवाद में विश्वास करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में स्कोप पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, “समय आ गया है जब भारतीयों के रूप में हमें आर्थिक राष्ट्रवाद में विश्वास करना चाहिए। हमारे देश का खून उन आयातित वस्तुओं के कारण हो रहा है, जिन्हें हम यहां बना सकते हैं। हम वोकल फॉर लोकल का सम्मान नहीं कर रहे हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकेत दिया है, लोकल के लिए वोकल होना राष्ट्रवाद की भावना को समाहित करता है।”
उन्होंने कैंडल, कर्टेन और फर्नीचर जैसी वस्तुओं के आयात पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जो यहां बन सकता है, उसे बाहर से मंगाकर हम स्थानीय लोगों से काम छीन रहे हैं। मुझे यकीन है कि यदि आप में से प्रत्येक व्यक्ति आर्थिक राष्ट्रवाद की इस भावना को उत्पन्न करने की जिम्मेदारी स्वयं लेगा तो इसका तेजी से प्रभाव पड़ेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री मोदी के विचारों को साझा करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक क्षेत्र का मतलब लाभ होता है। उन्होंने कहा कि लाभ सामाजिक उत्थान में बड़े योगदान के रूप में है।
उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के समृद्ध मानव संसाधन की भी सराहना की, जिससे आम जनता के लिए बड़ी संख्या में बैंक खाते खोलने में मदद मिली, जिसके परिणामस्वरूप किसानों और अन्य गरीब वर्गों को सीधा लाभ निर्बाध रूप से हस्तांतरित हुआ।
सार्वजनिक क्षेत्र की क्षमता पर विश्वास व्यक्त करते हुए धनखड़ ने सार्वजनिक क्षेत्र से कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का पूर्ण उपयोग करने का आह्वान किया।
राष्ट्र की सुरक्षा और विकास के लिए प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, अनुसंधान और विकास परिभाषित करेगा कि एक राष्ट्र कितना मजबूत होगा और एक राष्ट्र कितना सुरक्षित होगा। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र से अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने और इस संबंध में संस्थानों को मदद करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने शासन में हाल के सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि अब शासन पारदर्शी और जवाबदेह है और अब अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के शासन में कोई घुसपैठ नहीं की जा रही है।
महिलाओं के सशक्तिकरण और बिना सोचे-समझे प्रतिक्रियाओं के बजाय साहसिक निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण साबित करने के लिए हालिया संवैधानिक संशोधन की सराहना की।
इस अवसर पर स्कोप के अध्यक्ष संदीप कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष ब्रजेश कुमार उपाध्याय और महानिदेशक अतुल सोबती और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/दधिबल
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