महिलाओं को सशक्त बनाना वर्तमान और भविष्य के लिए निवेश है : उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली, 27 मार्च (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को सशक्त बनाना हमारी दुनिया के वर्तमान और भविष्य के लिए एक निवेश है।
भारत मंडपम में एफएलओ के 40 साल पूरे होने पर फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) के सदस्यों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने संकेत दिया कि समान अवसरों को बढ़ावा देकर, बाधाओं को तोड़कर और महिलाओं की आवाज और उपलब्धियों को बढ़ाकर हम एक ऐसा समाज बनाते हैं जो न केवल निष्पक्ष और न्यायसंगत बल्कि समृद्ध और टिकाऊ भी है।
उपराष्ट्रपति ने लैंगिक समानता और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को एक न्यायपूर्ण और प्रगतिशील समाज के मूलभूत सिद्धांतों के रूप में स्वीकार किया। लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए गेम चेंजर के रूप में संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने का उल्लेख करते हुए धनखड़ ने इसे भारतीय राजनीति में एक निश्चित मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि संसद में अधिक महिलाएं उस पितृसत्तात्मक मानसिकता को बदलने में मदद करेंगी।
महिलाओं को प्रॉक्सी उम्मीदवार के रूप में पेश करने की आशंकाओं और रूढ़िवादिता को खारिज करते हुए उपराष्ट्रपति ने चंद्रयान मिशन में महिला वैज्ञानिकों द्वारा निभाई गई नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं आज समाज में अपना सही स्थान पुनः प्राप्त कर रही हैं और अब उन पर उनके पुरुष परिवार सदस्य का नियंत्रण नहीं है।
महिलाओं को आर्थिक राष्ट्रवाद का स्वाभाविक राजदूत बताते हुए धनखड़ ने सभी से आर्थिक राष्ट्रवाद का पालन करने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कोई भी राष्ट्र अपने सभी पहलुओं में राष्ट्रवाद और संस्कृति के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के बिना विकास नहीं कर सकता।
इस अवसर पर एफएलओ की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधा शिवकुमार, एफएलओ के सदस्य और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/दधिबल
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