भारत का उदय वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए शुभ संकेत है : उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को ग्लोबल साउथ की प्रगति में भारत के समावेशी, बहुपक्षीय दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का उदय वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए शुभ संकेत है।
उपराष्ट्रपति ने एक भविष्य का निर्माण विषय पर 19वें सीआईआई भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सभी की भलाई के लिए एक साझा भविष्य बनाने की दिशा में प्रयासों को समन्वित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “एक भविष्य का निर्माण मानवता की स्थिरता के लिए आवश्यक है और इस चुनौती को अब और टाला नहीं जा सकता।”
जलवायु परिवर्तन को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी देशों से सामूहिक रूप से इस चुनौती से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। जन भागीदारी और प्राकृतिक संसाधनों के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने आगाह किया कि हमारे पास रहने के लिए कोई दूसरा ग्रह नहीं है।
भारत और अफ्रीका के बीच गहरे संबंधों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा कि एक उभरता हुआ अफ्रीका और उभरता हुआ भारत स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जलवायु, कृषि, समुद्री सुरक्षा, संपर्क और नीली अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में दक्षिण सहयोग को मजबूत गति दे सकता है।
2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने को गर्व की बात बताते हुए उपराष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन में अफ्रीकी देशों की भागीदारी की सराहना की।
चीता देकर देश की जैव-विविधता को पुनर्जीवित करने में मदद करने के लिए अफ्रीका के प्रति भारत की कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस विकास ने राष्ट्र को उत्साहित किया और भारत व अफ्रीका के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव स्थापित किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार / रामानुज
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