जीवन में विफलता से कभी न डरें, यह सफलता की ओर एक कदम है : उपराष्ट्रपति

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जीवन में विफलता से कभी न डरें, यह सफलता की ओर एक कदम है : उपराष्ट्रपति


जीवन में विफलता से कभी न डरें, यह सफलता की ओर एक कदम है : उपराष्ट्रपति


देहरादून, 01 सितंबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि हमेशा राष्ट्रीयहित को प्राथमिकता दें, भारत माता आपका इंतजार कर रही है। राष्ट्र का भविष्य आपके कंधों पर है। जिंदगी की जंग लड़ने के लिए खुद में साहस और ज्ञान विकसित करनी होगी। जो लोग चुनौती का सामना करने में जोखिम उठाते हैं, वही साहस, पहल और नेतृत्व करते हैं।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने रविवार को देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय के कैडेट्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी विफलता से न डरें, यह सफलता की ओर एक कदम है। डर की भावना आपकी प्रतिभा के उपयोग और आपके संभावनाओं की वास्तविकता में बाधा डालती है। हमेशा याद रखें कि डर हमारे विकास की यात्रा का आवश्यक हिस्सा है। चंद्रयान मिशन की सफलता की कहानी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक चंद्रयान मिशन को याद करें! चंद्रयान 2 आंशिक रूप से सफल हुआ लेकिन पूरी तरह से नहीं। कुछ के लिए यह विफलता थी और समझदार लोगों के लिए यह सफलता की ओर एक कदम था। पिछले वर्ष 23 अगस्त को चंद्रयान 3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया और भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पहला राष्ट्र बन गया।

धनखड़ ने कहा कि देश की सेवा गर्व और निर्भीकता के साथ करें! हमेशा राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दें। आपका आचरण अनुशासन, शिष्टाचार और सहानुभूति का उदाहरण होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने वर्तमान और पूर्व छात्रों और समुदाय से आग्रह किया कि वे एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करें और युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना का संचार करें और उन लोगों के खिलाफ़ कदम उठाएं जो ग्राउंड रियलिटी से अज्ञात हैं और भारत की अद्वितीय आर्थिक वृद्धि, विकास यात्रा और वैश्विक मंच पर उन्नति को नहीं मानते।

उन्होंने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 10 दिसंबर 1962 को आरआईएमसी कैडेट्स को दिए गए भाषण को स्मरण दिलाते हुए दोहराया कि पृथ्वी बहादुरों की होती है, आत्मा में ताकत रखने वालों की होती है, आलसी और अक्षम लोगों की नहीं। इस महान प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्विता की दुनिया में हमें आत्मनियंत्रण और बलिदान से जीवन जीना होगा। इन महान आदर्शों को जीवन में धारण करें। धनखड़ ने कैडेट्स को कठिनाइयों के समय भी खड़ा रहने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि मेरे प्रिय युवा कैडेट्स, आपकी व्यक्तिगत और पेशेवर यात्रा में, आप ऐसे क्षणों का सामना करेंगे जो आपको परखेंगे।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आरआईएमसी और सैनिक स्कूलों में लड़कियों की भर्ती की सराहना करते हुए कहा कि ये कदम लिंग समानता और न्याय के लिए महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाते हैं। हमारी महिलाएं लड़ाकू विमानों की पायलट हैं, वे अंतरिक्ष मिशनों की कमान संभाल रही हैं और हर रुकावट को तोड़ रही हैं। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण निश्चित रूप से एक गेम चेंजर होगा। इस अवसर पर उत्तराखंड के गवर्नर ले.ज. (सेनि.) गुरमीत सिंह, राष्‍ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज के कमांडेंट कर्नल राहुल अग्रवाल, कैडेट्स, शिक्षकगण और अन्य गण्यमान्य उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

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