उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से बदलती टेक्नोलॉजी में निपुणता हासिल करने का आह्वान किया
नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को युवा विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी में निपुणता हासिल करें। उन्होंने कहा कि ये टेक्नोलॉजी आपके जीवन का अभिन्न हिस्सा होंगी। इस संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने केंद्र सरकार द्वारा क्वांटम कम्प्यूटिंग, 6जी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी तकनीक के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों और बढ़ते बजट आवंटन की भी चर्चा की।
उपराष्ट्रपति बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के 36 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी 25 वर्षों के अमृत काल में युवा विद्यार्थियों की आज की पीढ़ी भागीदार भी होगी और राष्ट्र की निर्माता भी होगी। भारत की प्रगति यात्रा की चर्चा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि विगत दस वर्षों में भारत ने नाजुक पांच से विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा तय की है और अगले 3-4 सालों में हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगें। 1990 की भारतीय अर्थव्यवस्था से तुलना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था लंदन या पेरिस जैसे शहरों से भी छोटी थी।
उन्होंने कहा कि सारे विश्व और वैश्विक संस्थाओं ने भारत की प्रगति का, देश में हुए बैंकिंग समावेशीकरण और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार का लोहा माना है। उन्होंने कहा कि जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत ने विश्व को वसुधैव कुटुंबकम् का नया मंत्र दिया। इस संदर्भ में उन्होंने आगाह किया कि देश के भीतर और बाहर कुछ वर्गों को देश की प्रगति पच नहीं रही है। उन्होंने युवा विद्यार्थियों से आग्रह किया कि जब देश की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हो, तो वे ऐसी प्रवृत्तियों का पुरजोर प्रतिवाद करें। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के इस यज्ञ में सभी का योगदान अपेक्षित होगा।
उपराष्ट्रपति ने देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शीर्ष नेतृत्व स्तर पर महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर संतोष और प्रसन्नता व्यक्त की। इस संदर्भ उन्होंने सितंबर 2023 में संसद द्वारा पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख किया और संस्थान के शिक्षकों और विद्यार्थियों को नए संसद भवन को देखने के लिए आमंत्रित भी किया।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने मेधावी विद्यार्थियों को पदक प्रदान करते हुए जोर देते हुए कहा कि भविष्य के उन्नत भारत में प्रतिभा का ही वर्चस्व रहेगा। भारत के युवाओं की प्रतिभा की सराहना करते हुए, धनखड़ ने कहा कि आज विश्व की प्रायः हर प्रतिष्ठित कम्पनी भारतीय युवाओं की प्रतिभा का लाभ उठा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / सुशील/प्रभात
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