सिविल सेवक हमेशा पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण से परे जाकर चीजों को देखें : उपराष्ट्रपति

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सिविल सेवक हमेशा पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण से परे जाकर चीजों को देखें : उपराष्ट्रपति


सिविल सेवक हमेशा पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण से परे जाकर चीजों को देखें : उपराष्ट्रपति


नई दिल्ली, 03 जून (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि सिविल सेवकों को हमेशा पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण से परे देखना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने अपने आवास पर आईएएस-2022 बैच के सहायक सचिवों को संबोधित करते हुए कहा कि सिविल सेवक राजनीतिक दलों के साथ घुलमिल नहीं सकते।

भारतीय नौकरशाही की क्षमता और योग्यता को स्वीकार करते हुए उपराष्ट्रपति ने उपस्थित अधिकारियों से राष्ट्रवादी, संघवादी दृष्टिकोण अपनाने और राष्ट्र के हित को सदैव सर्वोच्च रखने तथा कानून के शासन को बनाए रखने का आह्वान किया।

युवा सहायक सचिवों को देश के युवाओं के लिए प्रेरणा और प्रेरक शक्ति बताते हुए धनखड़ ने सिविल सेवकों से उच्चतम नैतिक सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “आप परिवर्तन के वाहक हैं। आप गुणवत्तापूर्ण शासन में महत्वपूर्ण हितधारक हैं और त्वरित विकास के पथप्रदर्शक हैं।”

इस बात पर जोर देते हुए कि सिविल सेवा पहले से कहीं अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण है, धनखड़ ने कहा कि इसमें समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर, हाशिए पर पड़े और वंचित पृष्ठभूमियों से आने वाले लोगों का प्रतिनिधित्व है।

भारत के उल्लेखनीय आर्थिक परिवर्तन पर विचार करते हुए धनखड़ ने गर्व से कहा कि आज भारत आशा और संभावनाओं से भरा हुआ है और निवेश के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य है। उन्होंने कहा, “युवाओं के लिए अवसरों की टोकरी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।”

भारत में डिजिटल क्रांति की प्रशंसा करते हुए धनखड़ ने कहा कि हमारी उपलब्धियों ने दुनिया को चौंका दिया है। विश्व संस्थाएं जो हमें सलाह देती थीं, वे अब दूसरे देशों को भारत के रास्ते पर चलने की सलाह दे रही हैं।

उपराष्ट्रपति ने उपस्थित अधिकारियों से यह भी अपील की कि वे कभी भी सीखना बंद न करें और अपने कौशल को अद्यतन करते रहें। उन्होंने कहा कि आप लोगों को संविधान द्वारा विशेष रूप से बदलाव लाने के लिए नियुक्त किया गया है।

एक बीते युग को याद करते हुए जब भ्रष्टाचार देश के सत्ता के गलियारों में व्याप्त था और योग्यता के आधार पर अवसरों में बाधा उत्पन्न करता था, धनखड़ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नए युग में सत्ता के गलियारों को भ्रष्टाचार से मुक्त कर दिया गया है, अब पारदर्शिता और जवाबदेही है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/आकाश

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