समालखा में जनजातीय समाज की पूजा पद्धतियों का होगा अनूठा प्रदर्शन, संघ प्रमुख होंगे शामिल
नई दिल्ली, 16 सितंबर (हि.स.)। हरियाणा के समालखा में जनजातीय समाज की पूजा पद्धतियों का अनूठा प्रदर्शन 21 सितंबर को होगा, जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे।
वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन का उद्घाटन इस विशेष पूजा पद्धति से होगा। इस तीन दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन में पूरे देश से लगभग 2 हज़ार जनजातीय और नगरीय समाज के कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे।
हर तीन वर्ष में होने वाले वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन की जानकारी साझा करते हुए प्रचार प्रमुख प्रमोद पेठकर ने बताया कि वर्तमान समय में हम पूरे देश में जनजातीय समाज के उत्थान और उनकी एकजुटता के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। हमारे 1250 से अधिक पूर्णकालिक कार्यकर्ता दिन रात इस समाज के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं । जनजातीय समाज की एक विशेषता यह भी है कि वह कोई भी कार्य अकेले नहीं करते हैं, उनमें एक सामूहिकता का भाव रहता है। वे अपनी पूजा भी सामूहिक रूप से करते हैं। यह उनकी एक विशेषता है। हमने इस बार 80 जनजातीय समाज के प्रतिनिधियों को चुना है, जो अलग अलग प्रकार से प्रकृति और सनातन की पूजा करता आ रहा है । इस पूजा में गायन और नृत्य भी सम्मिलित होता है। समालखा में 21 सितम्बर की शाम को छह से 8 बजे तक यह 80 जन जातियां अलग अलग पंडालों में एक साथ अपने-अपने तरीके से पूजा करेंगे। इससे हम एक लघु भारत का दर्शन कर पाएंगे।
जनजातीय समाज में कोई साकार को मानता है, कोई निराकार को तो कोई जल, अग्नि, वृक्ष में परमात्मा के दर्शन करते हैं। इस आयोजन से हम हम समझ पाएंगे कि ये जो जनजातीय समाज है, इसकी अपनी संस्कृति और परंपरा कितनी मज़बूत, प्रगाढ़ और बहुत संपन्न है। हम हमेशा से जनजातीय समाज और नगरीय समाज को एक साथ लाने का प्रयास करते हैं ताकि हम जनजातीय समाज की विशिष्टता का परिचय सबसे करा सकें और नगरीय समाज उनके उत्थान के लिए आगे लाएं, ताकि कोई भी हमारे समाज की कमज़ोरी का लाभ उठाकर उनका मतांतरण न कर सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी
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