महर्षि वाल्मीकि ने लोकनायक के रूप श्रीराम के चरित्र का वर्णन किया : राजनाथ सिंह

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महर्षि वाल्मीकि ने लोकनायक के रूप श्रीराम के चरित्र का वर्णन किया : राजनाथ सिंह


महर्षि वाल्मीकि ने लोकनायक के रूप श्रीराम के चरित्र का वर्णन किया : राजनाथ सिंह


लखनऊ, 28 अक्टूबर (हि.स.)। देश के रक्षा मंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने शनिवार को आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर सदर कैंट में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। रक्षामंत्री ने इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित की और लोगों को वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं दी।

राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आदि कवि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना करके भगवान राम के चरित्र का जिस प्रकार वर्णन किया है, वह अद्भुत है, बेजोड़ है। महर्षि वाल्मीकि ने राम को केवल राजा के रूप में ही नहीं बल्कि एक लोकनायक के रूप में लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने का काम किया है। इतना ही नहीं महर्षि वाल्मीकि के राम युगपुरुष है, वह राम संस्कार पुरुष है, वह राम अवतार पुरुष है, वह राम मर्यादा पुरुषोत्तम है और वह राम धर्म की प्रतिमूर्ति है.. ऐसे राम का चित्रण महर्षि वाल्मीकि ने अपनी वाल्मीकि रामायण में किया है।

रक्षामंत्री ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से लगातार भगवान राम के चरित्र का मंचन देशभर में किया जाता है। महर्षि वाल्मीकि के भगवान राम आज करोड़ों लोग जो भारत की सीमा में रहने वाले हैं व जो भारत की सीमा के बाहर दूसरे देशों में रहने वाले सबके लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। भगवान राम को महर्षि वाल्मीकि ने इस रूप में चित्रित किया है जन्म से लेकर मरण तक यदि किसी का नाम लिया जाता है केवल भगवान राम का ही नाम लिया जाता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि वाल्मीकि समाज ने कभी अपना धर्म परिवर्तन नहीं किया। इसके लिए उनकी जिसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है। उन्होंने कहा महर्षि वाल्मीकि को किसी भी जाति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। महर्षि वाल्मीकि जो भी भगवान राम के प्रति आस्था रखते हैं वह सबके हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने हमारी अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अयोध्या में श्री राम का मंदिर भी लगभग बनकर तैयार है। शीघ्र ही प्राण प्रतिष्ठा भी होगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री अयोध्या आ रहे हैं और पूरा देश ही नहीं दूसरे देश में रहने वाली भारतीय भी उस क्षण की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब 22 जनवरी को वहां पर प्राण प्रतिष्ठा होगी। सच्चाई है कि भगवान राम का मुद्दा हमारे लिए कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं रहा हमारे लिए आस्था, श्रद्धा और विश्वास का मुद्दा है। भारत की सांस्कृतिक विरासत हमारी बहुत बड़ी ताकत है।

इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, महापौर सुषमा खर्कवाल, एमएलसी मुकेश शर्मा, रक्षा मंत्री ओएसडी केपी सिंह, दिवाकर त्रिपाठी, डॉ राघवेंद्र शुक्ला, महानगर उपाध्यक्ष सौरभ वाल्मीकी, राम सिंह बाल्मीकि, रूपा देवी बाल्मीकि, राजू वाल्मीकि, राहुल वाल्मीकि, मंडल अध्यक्ष रंजीता शर्मा, विनायक पांडे, पीयूष दीवान, सचिन वैश्य, पार्षद गण व वाल्मीकि समाज के लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/आकाश

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