उत्तरकाशी: निर्माणाधीन सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी : हसनैन
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नई दिल्ली, 24 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने शुक्रवार को कहा कि उत्तरकाशी के निर्माणाधीन सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है। इस दिशा में विशेषज्ञों की सलाह पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। गुरुवार को ड्रिलिंग के दौरान धातु के टुकड़े (सरिया) के मशीन में फंसने से ड्रिलिंग में बाधा आई थी। उसे आज दूर कर लिया गया है। कल उस पाइप की भी मरम्मत की गई, जिसके जरिए श्रमिकों तक भोजन, ऑक्सीजन और दवाई आदि पहुंचाई जा रही है। यह पाइप एक जगह से मुड़ गई थी। इसे ठीक कर लिया गया है।
हसनैन ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुवार को अड़चनों के चलते ड्रिलिंग कार्य बाधित रहा। अब हमारी कोशिश रहेगी की ड्रिलिंग कार्य में तेजी लाई जाए। यह ऑपरेशन किसी युद्ध से कम नहीं है। इस लिए बहुत सावधानी के साथ काम किया जा रहा है। इस अभियान की कोई समय-सीमा अभी तय नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को किसी तरह की समस्या न आए, यह हमारी प्राथमिकता है। हम चाहते हैं कि इस अभियान के सफल होने तक उनका मनोबल बना रहे। इसलिए श्रमिकों को उनके परिजनों के साथ संवाद कराया गया। उनका मनोबल बना रहे, इसके लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा रहा है। श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) टीम मौके पर तैनात है।
उल्लेखनीय है कि हसनैन ने बीते दिनों एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि सुरंग में उत्तराखंड के 02, हिमाचल प्रदेश के 01, उत्तर प्रदेश के 08, बिहार के 05, पश्चिम बंगाल के 03, असम के 02, ओडिशा के 05 और झारखंड के सबसे अधिक 15 मजदूर फंसे हैं। सिल्कयारा से बड़कोट के बीच निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर को सिल्कयारा की तरफ सुरंग के 60 मीटर हिस्से में मलबा गिरने से सुरंग ढह गई थी। इसके कारण 41 श्रमिक फंस गए थे। फंसे हुए सभी 41 मजदूरों को बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा तत्काल आवश्यक उपाय किए गए और जरूरी संसाधन जुटाए गए। निर्माण से जुड़े कर्मी जहां पर फंसे हुए हैं, उसकी ऊंचाई 8.5 मीटर और लंबाई 2 किलोमीटर है, जो निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा है। जगह की पर्याप्तता के चलते बिजली और पानी की आपूर्ति करने में आसानी हुई है और मजदूरों को सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिली है।
हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/दधिबल