उत्तराखंड : कुमाऊं से गढ़वाल तक आफत बनी बारिश, दरक रहे पहाड़, जगह-जगह भूस्खलन

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उत्तराखंड : कुमाऊं से गढ़वाल तक आफत बनी बारिश, दरक रहे पहाड़, जगह-जगह भूस्खलन


देहरादून, 05 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड में मानसूनी बारिश मैदान से लेकर पहाड़ तक जमकर बरस रही है। बारिश के शुरुआती रुख से ही पहाड़ों का जीवन दुष्कर हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यमार्ग समेत कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं। निचले इलाकों में पानी भर गया है तो नदी-नाले भी उफान पर हैं। वहीं उत्तराखंड की विश्वप्रसिद्ध चारधाम यात्रा पर भी बारिश का असर पड़ा है।

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने राज्य में नौ जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। कहीं-कहीं अतिवृष्टि के आसार हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में कहीं-कहीं भूस्खलन एवं चट्टानें गिरने की आशंका है। इससे सड़कों, राजमार्गों, पुलों का अवरुद्ध होना, बिजली, पानी आदि सेवाओं के प्रभावित होने की संभावना है। नदियों में बाढ़ आने के कारण बांध-बैराजों पर सिल्ट जम सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने की भी संभावना है।

इन दिनों भारी बारिश के कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ों पर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश और बाढ़ के चलते कई सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इसके कारण लोगों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। प्रशासन जेसीबी मशीनों की मदद से सड़कों को खुलवाने में जुटा हुआ है। नदियों में ज्यादा पानी आने से लोग दहशत में हैं। वहीं कई जगहों पर रास्ते बंद होने, जलस्तर बढ़ने व जलभराव से मुश्किलें हो रही हैं। अगले चार तक प्रदेशभर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। ऐसे में मौसम विभाग ने लोगों को पानी वाली जगहों से दूर रहने एवं यात्रा करने से परहेज करने की अपील की है।

चारधाम यात्रा पर असर

मानसून की बारिश के बाद उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में भी कमी देखी जा रही है। हेमकुंड साहिब के यात्रियों में भी कमी आ गई है। फूलों की घाटी में सैलानियों की संख्या कम हो रही है। सड़क मार्ग बाधित होने की वजह से यात्रा में कमी देखी जा रही है।

हिमखंड टूटने व अस्थाई पुलिया बहने से दो कांवड़ यात्री बहे

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के उप सचिव व ड्यूटी ऑफिसर अखिलेश मिश्रा की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार गंगोत्री धाम से गौमुख जल लेने जाते समय गौमुख ट्रैक मार्ग पर गंगोत्री से नौ किमी आगे चीड़बासा नाले के उद्गम स्थल पर हिमखंड टूटने व वर्षा के कारण चीड़बासा नाले पर बनी अस्थाई पुलिया टूटने से दो कांवड़ यात्री भी बह गए, जबकि एक कांवड़ यात्री काे सुरक्षित बचा लिया गया है। एसडीआरएफ, पुलिस, वन विभाग व राजस्व टीम खोज एवं बचाव कार्य में जुटी हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/सत्यवान/वीरेन्द्र

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