उप्रः चल अचल संपत्ति घोषित नहीं की तो 13 लाख सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर संकट
नई दिल्ली, 23 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की अगस्त महीने की सैलरी पर तलवार लटक रही है। राज्य के 17.58 लाख सरकारी कर्मचारियों में से सिर्फ 4.64 लाख कर्मचारियों को ही अगस्त महीने की सैलरी मिल सकती है। यानी राज्य के 13.23 लाख सरकारी कर्मचारी अगस्त महीने की सैलरी से वंचित हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर ये संकट राज्य सरकार द्वारा पिछले साल अगस्त में जारी आदेश की वजह से आया है। इस आदेश के मुताबिक सभी कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी सरकारी पोर्टल पर देने का नियम बनाया गया था। इस आदेश के तहत 31 दिसंबर 2023 तक सारी जानकारी सरकारी पोर्टल मानव संपदा पर अपलोड की जानी थी। हालांकि इस समय सीमा का पालन नहीं होने पर राज्य सरकार ने चल अचल संपत्ति की जानकारी देने की समय सीमा को और 6 महीने बढ़ते हुए 30 जून तक कर दिया। इसके बाद ये समय सीमा बढ़ा कर 31 जुलाई की गई। अंत में राज्य सरकार ने संपत्ति डिक्लेअर करने की अंतिम डेडलाइन 31 अगस्त तय कर दी।
उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में 17.88 लाख सरकारी कर्मचारी हैं। इनमें से अभी तक सिर्फ 4.64 लाख सरकारी कर्मचारियों ने ही अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी सरकारी पोर्टल पर दी है, जबकि 13 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारीयों ने कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। सरकारी आदेश में कहा गया था कि अगर आखिरी समय सीमा तक सरकारी कर्मचारी संपत्ति डिक्लेअर नहीं करते हैं तो न केवल उनकी सैलरी रोक दी जाएगी, बल्कि उनके प्रमोशन पर भी असर पड़ेगा।
राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि उसका इरादा सरकारी कामकाज में पारदर्शिता के साथ ही जवाबदेही लाना और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को बढ़ावा देना है। इसीलिए अगस्त की सैलरी उन कर्मचारियों को ही दी जाएगी, जिन्होंने 31 अगस्त तक अपनी संपत्ति की जानकारी मानव संपदा पोर्टल में अपलोड कर दी होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/योगिता
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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव / पवन कुमार
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