वायु सेना का हॉक ट्रेनर विमान पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा में दुर्घटनाग्रस्त

वायु सेना का हॉक ट्रेनर विमान पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा में दुर्घटनाग्रस्त
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वायु सेना का हॉक ट्रेनर विमान पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा में दुर्घटनाग्रस्त

- कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन, वायु सेना के अधिकारियों ने शुरू की जांच

- इस दुर्घटना में किसी की जान या नागरिक संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ

नई दिल्ली, 13 फरवरी (हि.स.)। भारतीय वायु सेना का एक हॉक ट्रेनर विमान मंगलवार को प्रशिक्षण उड़ान के दौरान पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के बाद एयरक्राफ्ट मिदनापुर जिले एक गांव में गिरा, जहां इसे देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए। बाद में पुलिस और वायु सेना के अधिकारियों ने इलाके को अपने घेरे में लेकर जांच शुरू की है। दुर्घटना से ठीक पहले ट्रेनर और प्रशिक्षु पायलट सुरक्षित बाहर निकल गए। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन किया गया है। इस दुर्घटना में किसी की जान या नागरिक संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ है।

भारतीय वायु सेना ने एक बयान में बताया कि प्रशिक्षण उड़ान के दौरान 13 फरवरी की दोपहर 3 बजे के आसपास एक हॉक ट्रेनर विमान पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। दोनों पायलट समय पर विमान से कूद गए और सुरक्षित हैं। हादसे के बाद एयरक्राफ्ट मिदनापुर जिले एक गांव में गिरा, जहां इसे देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए। पुलिस और वायु सेना के अधिकारियों ने इलाके को अपने घेरे में लेकर जांच शुरू की है। वायु सेना की पूर्वी कमांड ने कहा है कि इस दुर्घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं, जिसमें हादसे की वजह खोजी जाएगी।

वायु सेना के मुताबिक यह एक ट्रेनर जेट है, जिसे 23 फरवरी, 2008 को लड़ाकू पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए भारत के हवाई बेड़े में शामिल किया गया था। इसे ब्रिटिश कंपनी बीएई सिस्टम्स ने निर्मित किया है और नवंबर 2007 से 2008 के बीच 24 ट्रेनर जेट भारत को सप्लाई किये गए। इसके बाद 2008 से 2011 के बीच एचएएल ने 42 और एयरक्राफ्ट देश में बनाए। इस समय वायु सेना के पास 123, नौसेना के पास 17 ट्रेनर जेट हैं। इसी तरह के 20 और एयरक्राफ्ट खरीदने की बातचीत चल रही है। इसका उपयोग भारतीय वायु सेना सहित दुनिया भर की 14 वायु सेनाएं करती हैं। भारत में इसकी फ्लीट कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से करीब 700 किमी. दूर बीदर एयरफोर्स स्टेशन में तैनात है।

भारतीय वायु सेना के हॉक एडवांस्ड जेट ट्रेनर का यह तीसरा हादसा है। पहली दुर्घटना 29 अप्रैल, 2008 को बीदर एयरफोर्स स्टेशन पर हुई थी। इसके बाद 3 जून, 2015 को पश्चिम बंगाल-ओडिशा की सीमा के पास बहराघोड़ा के पास दूसरा जेट ट्रेनर क्रैश हुआ था। इसकी लंबाई 40.9 फीट, विंगस्पैन 32.7 फीट और ऊंचाई 13.1 फीट है। इसका वजन 4480 किलो है और यह पूरी तैयारी के साथ 9100 किलो वजन लेकर उड़ सकता है। हॉक की अधिकतम गति 1028 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह एक बार में 2520 किलोमीटर तक उड़कर अधिकतम 13,565 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। ट्रेनिंग के अलावा जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग युद्ध में भी किया जा सकता है, क्योंकि इसमें 30 मिमी. की तोप भी लगी है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/दधिबल

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