उप्र के बदायूं को आज मिलेगा एक कम्प्रेस्ड बॉयोगैस प्लांट
-मुख्यमंत्री योगी और केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने पत्रकारवार्ता कर दी जानकारी
-हर दिन 14 टन बॉयोगैस का होगा उत्पादन, 65 टन बनेगी खाद, पराली की समस्या से मिलेगी निजात
लखनऊ, 27 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूं में एक नए कम्प्रेस्ड बॉयोगैस प्लांट का उद्घाटन होने जा रहा है। यह प्लांट हर दिन 14 टन बॉयो गैस उत्पादन करेगा और 65 टन खाद का उत्पादन होगा। इसके साथ ही राज्य के आठ अन्य जनपदों में कंप्रेस्ड बॉयोगैस के नए संयंत्र का शिलान्यास होगा। यह सयंत्र भारत सरकार की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पैट्रोलियम आदि कंपनियों के माध्यम से स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वेस्ट टू वेल्थ कि प्रधानमंत्री मोदी की परिकल्पना को कैसे साकार किया जाता है, या नवंबर प्रारंभ होते ही एनसीआर में स्मोग की समस्या का समाधान क्या हो सकता है, ऐसे ही किसानों की आमदनी और किसानों को पराली की आमदनी का अतिरिक्त दाम मिल सके, जिसे हम वेस्ट कहते हैं, वह इसकी समृद्धि का कारण कैसे बन सकता है, इस सबकी दृष्टि से भी कंप्रेस्ड बॉयोगैस प्लांट उत्तर प्रदेश के अंदर न केवल पर्यावरण की दृष्टि से बल्कि किसानों की आमदनी, नए रोजगार सृजन करने एवं अन्य प्रकार से निवेश के लिए भी एक नए क्षेत्र का प्रवेश, आज इस दिशा में प्रारंभ होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस अवसर पर अपना बहुमूल्य समय देने के लिए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन और उनकी पूरी टीम का हृदय से प्रदेशवासियों से स्वागत और अभिनंदन करता हूं। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने अयोध्या में प्रभु राम के आने पर सबको बधाई दी और भविष्य में श्रद्धालुओं के आने की संख्या में बढ़ने की उम्मीद जताई।
उन्होंने कहा कि बदायूं में उद्घाटन होने जा रहे प्लांट में 135 करोड़ निवेश हुआ है। इस प्लांट से हर दिन 14 टन बॉयो गैस प्रोड्यूस होगा। उत्तर प्रदेश सरकार का सहयोग बहुत अच्छा है। नए प्लांटों के लिए भूमि चिन्हित कर ली गयी है। भविष्य में हमारी कंपनियां यहां और 100 प्लांट लगाने की तैयारी में हैं।
हरदीप पुरी ने पिछली सरकार के काम पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम हर दिन पांच बिलियन बैरल फ्यूल का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम एथेनॉल और बॉयो फ्यूल की ओर जाएं।
केंद्रीय सचिव पंकज जैन बॉयो गैस उत्पादन के क्षेत्र में किये जा रहे केन्द्र सरकार के प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार कई स्तर पर अनुदान की व्यवस्था की है। पराली जुटाने और उसका उपयोग करने के लिए मशीन खरीदने के लिए भी केंद्र सरकार ऋण देती है। इस दिशा में यूपी बहुत अग्रसर है। उत्तर प्रदेश में 20 करोड़ तक का अनुदान बॉयो एनर्जी पॉलिसी के तहत उपलब्ध है। यूपी में अपार संभावनाएं दिख रही है। इसलिए बॉयो गैस उत्पादन के क्षेत्र में कार्य किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप शुक्ल/राजेश
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