राम जन्मभूमि में अनुष्ठान व सांस्कृतिक उमंग के साथ होगा द्वितीय प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव
- कार्यक्रम की व्यवस्थाओं को मूर्त रूप देने के लिए हुई बैठक
अयोध्या, 20 दिसंबर (हि.स.)। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से आयोजित द्वितीय प्रतिष्ठा द्वादशी (पौष शुक्ल द्वादशी) उत्सव, उत्साह एवं सांस्कृतिक उमंग के साथ मनाया जाएगा। कार्यक्रम की व्यवस्थाओं को मूर्त रूप देने के लिए अयोध्या धाम के विभिन्न मठ मंदिरों के संतों व ट्रस्ट से जुड़े प्रमुख कार्यकर्ताओं की शनिवार काे बैठक हुई। सभी ने कार्यक्रम की सफलता पर अपने विचार रखे।
दोपहर को यात्री सेवा केंद्र में हुई बैठक में ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि 29 दिसंबर से 2 जनवरी 2026 तक होने वाले उत्सव के दौरान मंदिर परिसर में नियमित दर्शन स्वाभाविक रूप से जारी रहेंगे। मंदिर में प्रभु श्री रामलला को समर्पित की जाने वाली राग सेवा व परिसर के अन्य आध्यात्मिक अनुष्ठान जन सामान्य तक पहुंच सके, इसके लिए इस बार विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। व्यवस्थागत कारणों के चलते अधिकाधिक लोगों का परिसर पहुंचना संभव नहीं होता, लेकिन यहां होने वाले आयोजनों को विभिन्न संचार माध्यमों से उन तक अवश्य पहुंचाया जा सकता है। इसके लिए परिसर के किन-किन स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाई जाए, वाह्य प्रचार में कहां-कहां होर्डिंग लगे, पर्चे वितरित हों सहित अन्य किन-किन प्रचार माध्यमों का सहारा लिया जाए, इस पर गहन विचार किया गया।
जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र संवाद केन्द्र के अनुसार प्रतिष्ठा द्वादशी (पौष शुक्ल द्वादशी) के दिन प्रभु श्रीरामलला का होने वाला अभिषेक भी जन सामान्य तक लाइव पहुंचाया जाए, इसका भी प्रयास किया जा रहा है। अधिकांश लोगों ने सहमति व्यक्त की कि फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी टोली आयोजन के साथ-साथ चित्र व जानकारियां समय से लोगों तक पहुंचाती रहें। प्रिंट मीडिया के लिए प्रतिदिन प्रेस नोट जारी करने की व्यवस्था रहेगी। अंगद टीला पर होने वाले कार्यक्रमों में जन सामान्य अपनी सुविधा अनुसार हिस्सा ले सकेंगे।
पांच दिन तक होने वाले उत्सव के लिए महंत जयराम जी के स्थान पर डॉ. अनिल मिश्र की उपस्थित में संत रविदास मंदिर, वैष्णव विरक्त निषाद मंदिर, कोरी समाज मंदिर, पाल मंदिर, पासी मंदिर, पंचायती बेलदार मंदिर, प्रजापति मंदिर, नाई मंदिर, भुजवा मंदिर, कुशवाहा मंदिर, साहू मंदिर, जायसवाल मंदिर, उड़िया मंदिर, राम मड़ई मंदिर आदि स्थानों के महंत, पुजारी, संत उपस्थित रहे। कार्यक्रम की चर्चा में डॉ. मिश्र ने कहा कि प्रमुख रूप से मानस पाठ, श्रीराम कथा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, मण्डल पूजा, श्रीराम लला का अभिषेक होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय

