(अपडेट) प्रधानमंत्री ने किया देश का सांस्कृतिक पुनर्जागरण : शेखावत
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 16 मई, 2014 से पहले भारत में राजनीतिक व्यवस्था किसी न किसी रूप में ब्रिटिश उपनिवेशवाद का प्रतीक बनी हुई थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय संस्कृति का पुनर्जागरण करते हुए उसके संरक्षण का काम किया है। प्रधानमंत्री के प्रयास के चलते देश की नई पीढ़ी भारत की संस्कृति में अपने लिए एक सम्मान का प्रतीक खोजते हुए भारतीय कहलाने में गर्व की अनुभूति करने लगी है।
शेखावत ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारा देश विश्वभर में ज्ञान और विज्ञान के केंद्र के रूप में पहचाना जाता था लेकिन एक लंबे गुलामी के कालखंड में हमारी मानसिकता में जिस तरह से बदलाव हुआ, उसके चलते हमने स्वयं अपनी विरासत और क्षमताओं पर गर्व करना समाप्त कर दिया था। भारत की प्रासंगिकता विश्व पटल पर कम से कमतर होती गई लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के पिछले एक दशक के कालखंड में जिस तरह से सांस्कृतिक पुरुष के रूप काम किया, उससे भारतीय संस्कृति एक नए पुनर्जागरण के दौर में पहुंची है, वरना गुलामी के दौर में सुनियोजित रूप से चलाए गए कुचक्रों के चलते देश के लोग मानसिक रूप से गुलाम हो गए थे। जो कुछ पश्चिम से आता है, वही श्रेष्ठ है, ऐसी मानसिकता सामान्य भारतीय मानव की हो गई थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के लोगों ने ही अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करना छोड़ दिया था। 2014 में लंदन ट्रिब्यून अखबार ने अपनी टिप्पणी में लिखा था कि 16 मई, 2014 का दिन भारत के इतिहास में एक दूसरी आजादी के दिन के रूप में हमेशा स्मरण किया जाएगा, क्योंकि इससे पहले जो राजनीतिक व्यवस्था भारत में थी, वह किसी ने किसी रूप में ब्रिटिश उपनिवेशवाद के प्रतीक के रूप में बनी हुई थी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण के पुरोधा बनाकर प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल भारतीय संस्कृति और परंपरा का संरक्षण किया, बल्कि सांस्कृतिक राजदूत के रूप में भारतीय संस्कृति को एक नई जीवंतता प्रदान की।
अयोध्या में राममंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, सोमनाथ मंदिर, उज्जैन में महाकाल, गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर, चारधाम, करतारपुर साहिब, गुजरात के मेहसाणा में चालुक्य काल में बनाए गए मुंडेरा के सूर्य मंदिर समेत अनेक मंदिरों और धर्मस्थलों का जिक्र करते हुए शेखावत ने कहा कि अनेक सांस्कृतिक आध्यात्मिक केंद्रों का पुनरुद्धार मोदी सरकार ने सफलतापूर्वक किया।
शेखावत ने कहा कि भारत से चुराकर या लूटकर ले जाएगी ऐतिहासिक संपदा को स्वदेश लाने का क्रम तेजी के साथ में चल रहा है। 2014 से अब तक 344 से ज्यादा ऐसी ऐतिहासिक धरोहर भारत में लाई गई हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/दधिबल
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