वन विभाग के लिए आफत बनती जा रही जगल की बेकाबू आग, अब तक 886 घटनाएं
-जंगलों में लगी आग नहीं बुझी और धुआं फैला रहा तो चारधाम यात्रियों को होगी दिक्कत
देहरादून, 04 मई (हि.स.)। उत्तराखंड में जंगलों की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जंगल में आग धधक रही है, दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है। जंगलों से उठता धुंआ चारों ओर फैल चुका है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
वन विभाग के लिए जगलों की आग आफत बनती जा रही है। उत्तराखंड में जंगलों की आग कई दिनों बाद भी बेकाबू है। पिछले 24 घंटे में वनाग्नि की 18 नई घटनाएं सामने आई हैं। इससे 21.86 हेक्टेयर जंगल जलकर नष्ट हो गए। वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन उत्तराखंड के अपर मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से शनिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार एक नंबर 2023 से चार मई 2024 तक कुल 886 आग की घटनाएं हुई हैं। गढ़वाल में 354 व कुमाऊं में 460 तो वन्यजीव में 72 घटनाएं हुई हैं। आगजनी में 1107.858 हेक्टेयर वन प्रभावित हुए हैं। अब तक कुल पांच लोग आग से झुलसकर घायल हो चुके हैं और तीन लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
वनाग्नि से हर तरफ धुआं-धुआं, मरीजों की बढ़ने लगी परेशानी, प्राकृतिक स्त्रोत सूखने की कगार पर
उत्तराखंड के पहाड़ अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। जिन पहाड़ों की प्राकृतिक सुंदरता का दीदार करने के लिए देश-विदेश के पर्यटक पहुंचते हैं, वे पहाड़ इन दिनों भीषण आग की चपेट में हैं। आग भी इतनी भयावह है कि आस-पास का क्षेत्र भी स्पष्ट नहीं दिखाई दे रहा है। धुएं के कारण अधिकांश लोग आंखों में जलन की शिकायत से परेशान हैं तो वहीं प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूख गए हैं। रुद्रप्रयाग की बात करें तो 40 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए हैं। जंगलों के जलने के कारण इन दिनों आसमान में सिर्फ धुआं ही धुआं है। सूर्य की रोशनी भी स्पष्ट नहीं दिख रही है। नदियों की भी केवल कल-कल की आवाज सुनाई दे रही है। अधिकांश लोग आंखों में जलन के अलावा सांस लेने में परेशानी होने की शिकायतें कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जंगल जलने के कारण प्राकृतिक जलस्त्रोत भी सूखने के कगार पर हैं। आगामी कुछ दिनों में चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। यदि जंगलों में लगी आग नहीं बुझी और धुआं इसी प्रकार फैला रहा तो यात्रियों को भी दिक्कतें होंगी।
इंस्टाग्राम पर आग लगाने संबंधी वीडियो किया पोस्ट, तीन पर मुकदमा
वनाग्नि को लेकर नया मामला सामने आया है। इसमें कुछ व्यक्तियों ने वन को आग लगाए जाने के संबंध में एक वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है। वीडियो में वे सब आग लगा रहे हैं और आग से खेल रहे हैं। वीडियो के माध्यम से वन संपदा को नुकसान पहुंचाने के साथ भय फैलाने की कोशिश की गई है। वन विभाग ने पुलिस से उक्त वीडियो की जांच कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।
गैणसेंण थानाध्यक्ष ने जांच कर उक्त वीडियो बनाए जाने से संबंधित तीन व्यक्तियों बृजेश कुमार, सलमान एवं शुखलाल के विरुद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 एवं आईपीसी की संबंधित धाराओं तथा सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/आकाश
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