उल्फा के साथ शांति समझौते का राज्य में होगा शत-प्रतिशत क्रियान्वयन: डॉ सरमा

उल्फा के साथ शांति समझौते का राज्य में होगा शत-प्रतिशत क्रियान्वयन: डॉ सरमा
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उल्फा के साथ शांति समझौते का राज्य में होगा शत-प्रतिशत क्रियान्वयन: डॉ सरमा




गुवाहाटी/नई दिल्ली, 29 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के साथ शुक्रवार को दिल्ली में केन्द्र व राज्य सरकार और उल्फा के साथ हुए शांति समझौते का राज्य में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और उल्फा के बीच त्रिपक्षीय समझौता के बाद उपस्थित समूह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उल्फा का जन्म असम को स्वाधीन बनाने के लिए हुआ था। बाद में यह सशस्त्र संग्राम में बदल गया। इस संग्राम में 10 हजार से अधिक लोग मारे गए। मारे गए लोगों में से 95 फ़ीसदी लोग असमिया नागरिक थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम के इस काले इतिहास में मरने वालों के परिजनों को यह पता नहीं था कि उनके परिवार वालों को क्यों मारा गया और मारने वालों को भी यह पता नहीं था कि आखिर क्यों मार रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिरकार उल्फा अध्यक्ष अरविंद राजखोवा के नेतृत्व में यह संग्राम समाप्त हुआ। बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों से आज उल्फा के साथ केन्द्र व राज्य सरकार के बीच समझौत पर हस्ताक्षर हो गए।

मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने कहा कि सन् 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद जिस प्रकार से असम तथा पूरे पूर्वोत्तर के लिए एक के बाद एक योजनाएं शुरू हुईं, उससे राज्य में काफी हद तक शांति की स्थापना हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के असम के बोड़ो, कार्बी तथा आदिवासी उग्रवादी समूह के साथ शांति समझौता करने से लगभग नौ हजार के करीब सशस्त्र कैडर हथियार छोड़कर देश की मुख्य धारा में लौटे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन तीनों ही समझौते के प्रावधानों को लागू करने में केंद्रीय गृह मंत्रालय का सहयोग सराहनीय रहा है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि उल्फा समझौत के प्रावधानों को भी अक्षरश: लागू किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार शाम को केन्द्रीय गृह मंत्रालय, नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में केन्द्र सरकार, असम सरकार और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के प्रतिनिधियों के बीचएक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते में उल्फा की बिना सब कुछ मांगे पूरा करने के लिए समयबद्ध तरीके से कार्यक्रम बनाने के लिए गृह मंत्रालय के तहत एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया। यह समिति समझौते को पूरा कराने के लिए काम करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद/सुनील

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