तमिलनाडु के तरंगम्बाड़ी में 21वें सुनामी स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करने उमड़ा जनसैलाब

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तमिलनाडु के तरंगम्बाड़ी में 21वें सुनामी स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करने उमड़ा जनसैलाब


मयिलाडुतुरै, 26 दिसंबर (हि.स.)। तमिलनाडु के ऐतिहासिक तरंगम्बाड़ी समुद्र तट पर शुक्रवार को 21वें सुनामी स्मृति दिवस के अवसर पर भावुक माहौल देखने को मिला। वर्ष 2004 की विनाशकारी सुनामी में जान गंवाने वाले लोगों की स्मृति में उनके परिजन, ग्रामीण और जनप्रतिनिधि नम आँखों से श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान पीड़ित परिवारों ने तर्पण अर्पित कर दिवंगत आत्माओं को नमन किया और उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।

गौरतलब है कि 26 दिसंबर 2004 को आई भीषण सुनामी ने पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा का सबसे अधिक असर भारत, श्रीलंका, इंडोनेशिया और थाईलैंड सहित कई देशों पर पड़ा था। भारत में तमिलनाडु के तटीय जिलों चेन्नई, नागपट्टिनम, मयिलाडुतुरै और कन्याकुमारी में भारी जन-धन की क्षति हुई थी। इस सुनामी में विश्वभर में लाखों लोगों की जान चली गई थी, जबकि तमिलनाडु में हजारों परिवार उजड़ गए थे।

मयिलाडुतुरै जिले के 28 मछुआरा गांवों में इस आपदा ने गहरी छाप छोड़ी। हजारों मछुआरों की जान चली गई थी। तरंगम्बाड़ी गांव सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में शामिल रहा, जहां अकेले 315 लोगों की मौत सुनामी की भयावह लहरों में हो गई थी।

सुनामी की 21वीं बरसी पर तरंगम्बाड़ी मछुआरा गांव में सुबह से ही श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हो गया। मृतकों के परिजनों ने यज्ञ और तर्पण कर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके बाद समुद्र तट पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम के तहत एक हजार से अधिक ग्रामीणों ने काली पट्टियां बांधकर तरंगम्बाड़ी कड़ाई सड़क स्थित स्मारक स्तूप तक मौन जुलूस निकाला। वहां पहुंचकर सभी ने मोमबत्तियां जलाकर सुनामी पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। वातावरण पूरी तरह शोकमग्न रहा।

इसके बाद श्रद्धालु तरंगम्बाड़ी पुराने रेलवे स्टेशन के पास स्थित सामूहिक दफन स्थल पर पहुंचे, जहां पुष्पमालाएं अर्पित कर दिवंगतों को याद किया गया। इस अवसर पर पूंपुहार विधायक निवेता मुरुगन, एआईएडीएमके के जिला सचिव पौनराज, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अघोरम, पूर्व विधायक बाल अरुचेलवन, ज्ञानवेलन, द्रमुक गठबंधन के सचिव अमूर्ति विजयकुमार सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के कई नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।

इसी तरह मयिलाडुतुरै जिले के चंद्रपाडी, चिन्नूरुपेट्टै, चिन्नंगुडी, कुट्टियांडियूर, वेल्लकोइल, माणिक्कपंगु और वनगरी समेत कई मछुआरा गांवों में भी सुनामी में मारे गए लोगों की याद में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं।

21वें सुनामी स्मृति दिवस के अवसर पर जिले के मछुआरों ने समुद्र में मछली पकड़ने नहीं जाकर शोक और सम्मान प्रकट किया। यह दिन न केवल शोक का, बल्कि भविष्य में ऐसी आपदाओं से सतर्क रहने का संदेश भी देता है।--------------

हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Vara Prasada Rao PV

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