बराक घाटी में संभावित बाढ़ का खतरा, एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीम हवाई मार्ग से सिलचर भेजी गई
-बराक घाटी का रेल एवं सड़क संपर्क अवरुद्ध
-विशेष सुरक्षा के बीच चलाए जा रहे छोटे वाहन
गुवाहाटी, 01 जून (हि.स.)। बराक घाटी में संभावित बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर प्रथम वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक अतिरिक्त टीम को तैनात किया गया है। टीम को लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय (एलजीबीआई) हवाई अड्डा, गुवाहाटी से हवाई मार्ग द्वारा आज कछार जिला मुख्यालय शहर सिलचर भेजा गया।
यह तैनाती क्षेत्र में पहले से ही तैनात एनडीआरएफ टीम के अतिरिक्त है। इस तैनाती का उद्देश्य बराक घाटी में बाढ़ के प्रभावों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने और तत्काल सहायता और समर्थन प्रदान करना है।
एनडीआरएफ हमेशा की तरह बाढ़ या बाढ़ जैसी स्थितियों से प्रभावित जनजीवन के बचाव और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ये टीमें इस प्रकार की हर स्थिति को संभालने के लिए कुशल और अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य में चक्रवात रेमल के प्रभाव के चलते बीते 27 मई से कई दिनों तक हुई लगातार बारिश के कारण बराकघाटी के तीन जिलों कछार, करीमगंज और हैलाकांदी के साथ ही डिमा हसाओ और कार्बी आंगलोंग जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है।
डिमा हसाओ जिले में अति वृष्टि के चलते कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। इसके कारण सड़क मार्ग और रेल मार्ग अवरुद्ध हो गया है। असम से मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और असम की बराक घाटी का यातायात संपर्क टूट गया है। छोटे वाहनों की आवाजाही को पूरी सुरक्षा के बीच सुनिश्चित किया गया है।
प्रशासन सड़क मार्ग को खोलने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। रेल प्रशासन भी रेलवे ट्रैक की मरम्मत के लिए लगातार कार्य कर रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/दधिबल
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