नदियों के संरक्षण के प्रति विशेष सहयोग मिलेगा : गजेन्द्र सिंह
हरिद्वार, 29 फरवरी (हि.स.)। विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय एवं जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के प्रकल्प नमामि गंगे के मध्य गुरुवार को एक एमओयू साइन किया गया।
इस एमओयू का उद्देश्य जल शक्ति मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत समविश्वविद्यालय की सहभागिता तथा छात्रों एवं समाज को लेकर जल संरक्षण के विभिन्न शोध पहलुओं पर कार्यशीलता को करना है। जिसमें मुख्य रूप से प्राकृतिक कृषि जल संरक्षण के प्रति जागरूकता, केंचुआ खाद, तकनीकी रूप से विभिन्न नदियों एवं प्राकृतिक जल के स्रोतों के आंकडे़ संकलन करना है।
जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि दोनों संस्थाओं के बीच एमओयू साइन किया गया है, जिससे नदियों के संरक्षण के प्रति विशेष सहयोग मिलेगा। सम विश्वविद्यालय जल संसाधनों नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर लगातार कार्य कर रहा है। इस तरह के शोध कार्यों से जल शक्ति मंत्रालय को लाभ मिलेगा। वर्तमान में जल के स्रोतों का संरक्षण होना अत्यन्त आवश्यक है। इस कार्य में सम विश्वविद्यालय की भूमिका उल्लेखनीय हो सकती है।
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सत्यपाल सिंह ने कहा कि वेदों में जल की उपादेयता बहुत अधिक है। गंगोत्री से नदियों का प्रवाह देखा जा सकता है। और वह एक गंगा का स्वरूप ले लेती है। जल की उपयोगिता पर जन-जन को ध्यान देना होगा। सम विश्वविद्यालय शोध कार्य के माध्यम से मंत्रालय को जागरूक करेगा जिसका लाभ आम आदमी तक पहुंच सके।
आम्बेडकर इण्टरनेशनल भवन नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय के आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शतांशु ने कहा कि दोनों संस्थाओं के मध्य एमओयू साइन होने से शोध के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे।
हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/रामानुज
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