हाथरस घटना की न्यायिक जांच होगी : योगी

हाथरस घटना की न्यायिक जांच होगी : योगी
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हाथरस घटना की न्यायिक जांच होगी : योगी


- हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में गठित होगी कमेटी

- अधिकारियों की टीम पहले से जांच कर रही है

हाथरस, 3 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हाथरस में हुई भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच कराई जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। उन्होंने बुधवार को यहां पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि इस घटना में 121 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। इसमें उप्र के साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के भी लोग थे। उप्र में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, हमीरपुर, आगरा, शाहजहांपुर, गौतमबुद्धनगर और लखीमपुर खीरी समेत 16 जिलों के श्रद्धालुओं की मौत हुई है। मृतकों में छह अन्य राज्यों के थे।

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि हाथरस, एटा, अलीगढ़ और आगरा में घायलों का इलाज चल रहा है। घायलों से मैंने बातचीत भी की। वे सभी कहते हैं कि हादसा कार्यक्रम के उपरांत हुआ है। इस कार्यक्रम में जो सज्जन कथा कहने आए थे, वह जाने लगे तो उन्हें छूने के लिए महिलाओं का हुजूम उनकी ओर बढ़ा। उसी में कुछ लोग गिर गए। उनके ऊपर लोग चढ़ते गए। फिर दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो आयोजकों ने प्रशासन को परिसर के अंदर जाने नहीं दिया। दुर्घटना के बाद पुलिस घायलों को इलाज के लिए ले जाने लगी तो सभी सेवादार भाग गए। प्रथम दृष्टया राहत एवं बचाव कार्य और फिर आयोजकों के बयान दर्ज करने, उनसे पूछ ताछ करने और कार्रवाई करने का कार्य किया जाएगा। इसे केवल हादसा कह कर टाला नहीं जा सकता। उसकी भी जांच होगी कि हादसा कैसे हुआ। हादसा नहीं तो क्या साजिश है। साजिश है तो दोषियों को ढूढ़ निकाला जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ताकि ऐसी घटना फिर कभी दोहराई न जा सके।

सीएम योगी ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी से कराई जाएगी। एडीजी आगरा जोन के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम पहले से जांच कर रही है। सरकार के तीन मंत्री हाथरस में कैम्प कर रहे हैं।

विपक्ष के लोगों द्वारा सरकार पर उठाए गए सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों की ऐसी प्रकृति होती है। ऐसी घटना पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सबको पता है कि आयोजकों के साथ किसके संबंध हैं।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस हादसे में मौत का जिम्मेदार सरकार को बताया था। एक अन्य सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इतना बड़ा धार्मिक आयोजन नहीं होता है। इससे भी बड़े कार्यक्रम होते रहे हैं। सेवादारों को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि कोई दुखद घटना न हो। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि घटना के बाद लोग मरते रहे और सेवादार भाग गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों की इस घटना में जान गयी है, उनके बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा राज्य सरकार उठाएगी। उनकी व्यवस्था कराएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप/दधिबल

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