धर्म के आधार पर आरक्षण का जिक्र कांग्रेस के न्याय पत्र में नहीं हैं : जयराम रमेश

धर्म के आधार पर आरक्षण का जिक्र कांग्रेस के न्याय पत्र में नहीं हैं : जयराम रमेश
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धर्म के आधार पर आरक्षण का जिक्र कांग्रेस के न्याय पत्र में नहीं हैं : जयराम रमेश


नई दिल्ली, 1 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि अक्सर भाजपा आराेप लगाती रहती है कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण करना चाहती है लेकिन यह कांग्रेस के न्याय पत्र में नहीं हैं। जयराम रमेश बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

जयराम रमेश ने कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश में मुस्लिमों को दिए जाने वाले आरक्षण के बार में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वह भी हमने धर्म या मजहब के आधार पर नहीं दिया था। बल्कि 1994 में कर्नाटक में सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के आधार पर एक रिपोर्ट मिली थी। उस आधार पर मुस्लिम तबके के पिछड़े वर्ग के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। रमेश ने जोर देकर कहा कि संविधान के अनुसार आरक्षण सिर्फ सामाजिक व शैक्षणिक तौर पर कमजाेर वर्ग को दिया जा सकता है, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

जयराम रमेश ने कहा कि यह भी कि कांग्रेस 50 प्रतिशत की सीमा हटाकर एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण देना चाहती है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर भाजपा को यह स्वीकार्य नहीं है तो वह स्पष्ट करे।

रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार उतारे जाने में हो रही देरी पर भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि 24 घंटे के भीतर रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के बारे में घोषणा कर दी जाएगी। इसके लिए कांग्रेस कार्यसमिति ने अध्यक्ष को अधिकृत कर दिया है।

उन्होंने यह भी कहा है कि कांग्रेस डरी हुई नहीं है और न इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा में कोई देरी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने भी अभी तक रायबरेली से अपना उम्मीदवार की घोषणा क्यों नहीं की, उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा क्यों डरी हुई है।

इसके पहले पत्रकारों को संबोधित करते हुए जयराम रमेश ने श्रमिक दिवस (1 मई) की बधाई देते हुए कहा कि हम 1923 से श्रमिक दिवस मना रहे हैं, इसके 101 साल हो चुके हैं। हमारे न्याय पत्र में भी श्रमिकों के लिए गारंटी की बात कही गई है। श्रमिकों को 400 रुपये की मजदूरी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाएगी। इसके साथ ही मनरेगा में सूचीबद्ध मजदूर का 25 लाख रुपये का मुफ्त इलाज होगा। इसमें डाक्टर, इलाज, जांच और दवाई भी शामिल है। शहरी राेजगार गारंटी कानून बनाएंगे और समाजिक सुरक्षा के तहत कांट्रेक्ट सिस्टम को बंद करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/जितेन्द्र

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