नक्सली संगठन नाबालिगों काे दे रहे गुरिल्ला वार व बम बनाने की ट्रेनिंग


मारे गये इनामी नक्सली से बरामद पत्र में हुआ खुलासा
जगदलपुर, 26 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली संगठन नाबालिग बच्चे-बच्चियों के हाथों में हथियार पकड़ा रहे हैं। साथ ही जंगल में इनको बम बनाना सिखाने व गुरिल्ला वार की भी ट्रेनिंग दे रहे हैं। इसका खुलासा दंतेवाड़ा-बीजापुर जिले की सीमा पर मंगलवार को हुए मुठभेड़ में मारे गये 25 लाख रुपये के इनामी नक्सली सुधीर उर्फ सुधाकर के पास से बरामद चार पन्नों के पत्र से हुआ है। पत्र में मिले सबूत के अनुसार जंगल में नाबालिक बच्चाें काे हथियार चलाना (स्नाइपर चलाना) और आईईडी बनाना भी सिखा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नक्सली लीडर सुधाकर उर्फ मुरली के पास से पुलिस ने सामान के साथ तेलुगु भाषा में लिखा एक पत्र भी बरामद हुआ है, जिसमें नक्सल संगठन में नए लड़कों की भर्ती और नक्सली लीडर्स के साथ बैठक सहित कई बातें लिखी हुई हैं। पत्र में लिखा है कि कुछ दिन पहले नक्सलियों की उत्तर बस्तर ब्यूरो में माड़ इलाके में सीसीएम, डीकेएसजेडसी कैडर के नक्सलियों की हाई लेवल मीटिंग हुई थी। इस बैठक में नक्सल संगठन के काम, नुकसान, कामयाबी और चुनौतियों की समीक्षा की गई, उसकी रिपोर्ट तैयार की गई, जिसका उल्लेख पत्र में किया गया है।
पत्र में लिखा है कि जिन लड़कों की भर्ती की गई है, वे अभी लड़ने योग्य नहीं हैं। नक्सल संगठन को लड़ाके चाहिए, जो भर्ती हुए हैं, उन्हें नक्सल नीति, राजनीति, लड़ाई लड़ने की ट्रेनिंग दी गई है। उनको अभी लड़ने योग्य बनाने में समय लगेगा। जो संगठन में हैं, उनमें ज्यादातर लोगों ने आत्मसमर्पण कर दिया और कुछ मारे गए हैं। अगर नक्सल संगठन में नई भर्तियां नहीं होती हैं तो नक्सलवाद का अस्तित्व खतरे में है। पत्र को अलग-अलग एरिया कमेटी में भेजकर उन्हें नई भर्ती और मीटिंग में हुई समीक्षा की जानकारी दी गई है।
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नक्सलियों के चार पन्नों के तेलुगु भाषा में हाथ से लिखे पत्र में पूरा लेखा-जोखा है। लिखा है कि माड़ डिवीजन के इंद्रावती एरिया कमेटी और नेलनार एरिया में 130 लोगों की नई भर्ती हुई है, जिन्हें गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दिए हैं। 18 से 22 उम्र के युवक-युवतियों को हथियार थमाया गया है, लेकिन 9 से 17 उम्र तक के अभी बच्चे हैं। उन्हें पढ़ाई कराई गई है, जो अनपढ़ हैं उन्हें अक्षर ज्ञान दिया गया है। भौगोलिक स्थिति के बारे में नक्सल संगठन, नक्सलवाद के इतिहास और क्रांति के बारे में जानकारी देने की बात लिखी है। नक्सलियाें के इस पत्र में लिखा है कि अगर कोई युवक-युवती नक्सल संगठन में शामिल होते हैं, हथियार पकड़ते हैं, तो वे अब गांव न जाएं। क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं लड़ाके आत्मसमर्पण् न कर दें, या फिर पुलिस उन्हें गिरफ्तार न कर ले, इसलिए नक्सलियों ने इस तरह का फरमान जारी किया है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने मारे गए इनामी नक्सली से बरामद पत्र में नक्सली संगठन नाबालिकों को गुरिल्ला वार ट्रेनिंग देने के संबंध में कहा कि नक्सलियों का यह तरीका नया नहीं है। नक्सली नाबालिग बेकसूर नाबालिकों को अनैतिक रूप से इस तरह के खतरनाक काम में शामिल करते रहे हैं। नक्सली संगठनों के पास अब हिंसा छाेडकर आत्मसमर्पण करने के अलावा काेई विकल्प नही बच है। इसलिए बेहतर यही है कि वह तत्काल हिसात्मक गतिविधियाें काे छाेडकर समाज के मूख्यधारा से जुड़े।
हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे