भारतीय सेना ने एक विशेष सैन्य ट्रेन के माध्यम से कश्मीर घाटी में टैंक, तोपें और इंजीनियरिंग उपकरण सफलतापूर्वक पहुंचाए
श्रीनगर, 18 दिसंबर (हि.स.)। रसद के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए भारतीय सेना ने एक विशेष सैन्य ट्रेन के माध्यम से कश्मीर घाटी में टैंक, तोपें और इंजीनियरिंग उपकरण सफलतापूर्वक पहुंचा दिए हैं जिससे क्षेत्र में उसकी परिचालन तत्परता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि भारतीय सेना ने 16 दिसंबर को एक विशेष सैन्य ट्रेन के माध्यम से कश्मीर घाटी में टैंक और तोपें पहुंचाकर रसद के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सेना के अनुसार सत्यापन अभ्यास के तहत टैंक, तोपें और डोजर जम्मू क्षेत्र से दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग तक सफलतापूर्वक पहुंचाए गए। सेना ने कहा कि इससे गतिशीलता और रसद क्षमता में वृद्धि प्रदर्शित हुई है। इस अभियान ने सेना की गतिशीलता को महत्वपूर्ण बढ़ावा दिया जिससे उत्तरी सीमाओं पर तेजी से रसद तैयार करने और परिचालन तत्परता को मजबूत करने में मदद मिली। सेना ने कहा कि यह उपलब्धि भारतीय रेल मंत्रालय के साथ घनिष्ठ समन्वय में हासिल की गई जो उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के परिवर्तनकारी प्रभाव को रेखांकित करती है।
सेना के अनुसार इसी वर्ष जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिष्ठित उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का उद्घाटन किया। 43,780 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, 272 किलोमीटर लंबी रेल लाइन हिमालय के कुछ सबसे दुर्गम भूभाग से होकर गुजरती है और कश्मीर घाटी को हर मौसम में निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करती है। उद्घाटन के तीन महीने बाद सेना ने भीषण सर्दी से पहले कश्मीर में अपनी इकाइयों और टुकड़ियों के लिए आपूर्ति पहुंचाने के लिए एक मालगाड़ी का इस्तेमाल किया।
सितंबर के मध्य में सेना ने जम्मू से घाटी में तैनात अपने कर्मियों के लिए 753 मीट्रिक टन अग्रिम शीतकालीन आपूर्ति पहुंचाई। सेना ने कहा था कि यह रणनीतिक पहल चुनौतीपूर्ण हिमालयी भूभाग में परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने के लिए चल रहे क्षमता विकास प्रयासों को रेखांकित करती है।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

