भारतीय मीडिया को विदेशी षड्यंत्रों के नैरेटिव से बाहर आना होगा : उमेश उपाध्याय

भारतीय मीडिया को विदेशी षड्यंत्रों के नैरेटिव से बाहर आना होगा : उमेश उपाध्याय
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भारतीय मीडिया को विदेशी षड्यंत्रों के नैरेटिव से बाहर आना होगा : उमेश उपाध्याय


साम्राज्यवादी है वर्तमान मीडिया

लखनऊ, 23 मई (हि.स.)। वर्तमान मीडिया साम्राज्यवादी है। नकारात्मकता उसका मूलधर्म है। सत्य का संधान करते हुए भारत की मीडिया को विदेशी षड्यंत्रों के इस नैरेटिव से बाहर आने की आवश्यकता है। यह बातें वरिष्ठ पत्रकार और लेखक उमेश उपाध्याय ने गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के एपी सेन सभागार में नारद जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि आज भी भारत की मीडिया में औपनिवेशिक मानसिकता का प्रकल्प चल रहा है। जब भारत के अन्दर कुछ अच्छा होता है तो बीबीसी जैसे चैनल उस पर कोई न कोई सवाल उठाते हैं। इसलिए अपने संवाद में नकारात्मकता को त्यागना होगा और भारत की मूल प्रकृति के अनुसार पत्रकारिता को देवर्षि नारद के सत्यान्वेषण की ओर ले जाना चाहिए। उमेश उपाध्याय ने कहा कि देवर्षि नारद की संचार शैली आज की संचार शैली से अलग है।

उमेश उपाध्याय ने कहा कि आज की पत्रकारिता में द्वंद है। पहले की पत्रकारिता मिशन थी जबकि आज की पत्रकारिता अधर में ही लटकी हुई है। आज लगभग नकारात्मक खबरें ही लीड खबर बनती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया अभी पाश्चात्य देशों पर आधारित है। इससे उबरने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष नरेंद्र भदौरिया ने कहा कि आज की पत्रकारिता ने सोशल मीडिया के सामने घुटने टेक दिए हैं। विश्वसनीयता व निष्पक्षता का संकट है। चैनल बंद हो रहे हैं,अखबारों के पाठक कम हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि भारत के दर्शन और संस्कृति को पाश्चात्य देशों द्वारा हमेशा नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया। हमें अपनी संस्कृति पर संशय नहीं करना है। भदौरिया ने कहा की भारत का विज्ञान सबसे उत्तम है। हमें पाश्चत्य मीडिया के सामने नहीं झुकना है। हमें साहस से दिशा मोड़नी है।

संगोष्ठी की प्रस्तावना रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे ने कहा कि देवर्षि नारद ने हमेशा लोकमंगल की पत्रकारिता की। उन्होंने कहा पत्रकारिता शब्द भारत का नहीं है बल्कि भारत में तो भौतिक समृद्धि के साथ साथ आध्यात्मिकता अधिष्ठान पर भी बल दिया गया है। पत्रकारिता के क्षेत्र में देवर्षि नारद हमारी संस्कृति में पूजनीय है। हजारों वर्षों के इतिहास काल में हमारे यहां विभिन्न संघर्षों के साथ अपने विचारो पर अडिग रहे। कार्यक्रम का संचालन डा.सौरभ मालवीय ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/राजेश

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