तेलंगाना में बीआरएस विधायकों की अयोग्यता याचिकाएं खारिज, विपक्ष ने जताई नाराजगी
हैदराबाद, 17 दिसंबर (हि.स.)। तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष गद्दाम प्रसाद कुमार ने सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 10 विधायकों में से पांच के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उन्हें खारिज कर दिया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने तेलम वेंकट राव, बंदला कृष्णमोहन रेड्डी, गुडेम महिपाल रेड्डी, प्रकाश गौड़ और अरिकेपुडी गांधी के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि यह साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किए गए कि इन विधायकों ने अपनी पार्टी बदली है।फैसले में कहा गया है कि तकनीकी रूप से ये पांचों विधायक अब भी भारत राष्ट्र समिति के सदस्य हैं।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की ओर से दायर याचिकाओं के बाद 10 विधायकों को नोटिस जारी किया था। कुल 10 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिनमें से आठ मामलों की सुनवाई पूरी हो चुकी है। दानम नागेंद्र और कडियम श्रीहरि के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई अभी पूरी नहीं हुई है।
इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने 17 नवंबर को तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष को अवमानना नोटिस जारी किया था, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस में कथित रूप से शामिल हुए बीआरएस विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने संबंधी निर्देशों का पालन नहीं किया था। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद के लिए निर्धारित की थी।
अन्य तीन विधायक पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी, काले यादया और संजय कुमार के मामलों में फैसला गुरुवार को सुनाए जाने की संभावना है।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले पर बीआरएस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री हरीश राव ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने संविधान को रौंद दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ‘संविधान बचाओ’ का नारा देने वाली कांग्रेस, राज्य में संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी कर रही है।
हरीश राव ने आरोप लगाया कि दलबदल से जुड़े मामलों में संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित प्रावधानों की अनदेखी कर सत्तारूढ़ कांग्रेस के पक्ष में फैसला लिया गया है। उन्होंने इसे संविधान का उल्लंघन बताते हुए लोकतंत्र पर गहरा आघात करार दिया।
वहीं, विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को लोकतंत्र के साथ ‘क्रूर मजाक’ बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही विधानसभा में कह चुके हैं कि दलबदल करने वाले विधायकों का कुछ नहीं होगा और विधानसभा अध्यक्ष उसी के अनुरूप निर्णय ले रहे हैं। केटीआर ने कहा कि इस फैसले को न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।---------------
हिन्दुस्थान समाचार / नागराज राव

