मप्र के ग्वालियर में तानसेन समारोह की पूर्व संध्या पर रविवार को सजेगी पूर्वरंग “गमक” संगीत सभा

WhatsApp Channel Join Now
मप्र के ग्वालियर में तानसेन समारोह की पूर्व संध्या पर रविवार को सजेगी पूर्वरंग “गमक” संगीत सभा


मप्र के ग्वालियर में तानसेन समारोह की पूर्व संध्या पर रविवार को सजेगी पूर्वरंग “गमक” संगीत सभा


- सुविख्यात पार्श्व और सूफी गायिका जसपिंदर नरूला की होगी प्रस्तुतिग्वालियर, 13 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की संगीतधानी ग्वालियर में तानसेन समारोह की पूर्व संध्या पर रविवार, 14 दिसम्बर को सायंकाल लगभग 6 बजे हजीरा स्थित इंटक मैदान में पारंपरिक रूप से पूर्वरंग “गमक” संगीत सभा सजेगी। “गमक” की सभा विश्व विख्यात सूफी गायिका, पार्श्व गायिका एवं शास्त्रीय संगीत गायिका सुश्री जसपिंदर नरूला की प्रस्तुतियों से गुलजार होगी।

दुनियाभर में सूफियाना, सुगम संगीत व फिल्मी पार्श्व गायन का परचम लहरा रहीं जसपिंदर नरूला बॉलीवुड फिल्मों में भी कई हिट गीत गा चुकी हैं। उन्हें हिन्दी फिल्म “प्यार तो होना ही था” में रेमो फर्नांडिस के साथ गाए गए टाइटल गीत से प्रसिद्धि मिली थी। इसके लिये नरूला को वर्ष 1999 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजा गया था।

जसपिंदर नरूला ने इसके अलावा “मिशन कश्मीर”, “मोहब्बतें”, “फिर भी दिल है हिंदुस्तानी” एवं “बंटी और बबली” जैसी हिट फिल्मों के गानों को अपनी आवाज दी है। सुश्री जसपिंदर नरूला सूफी संगीत के साथ-साथ गुरुवानी और सिख धर्म के संगीत की निपुण गायिका भी हैं। जसपिंदर नरूला ने मुदासिर अली के साथ हिंदी संगीत वीडियो “मौला अली अली” में भी गाया है। इसके अलावा रियलिटी श्रृंखला “धूम मचा दे” में भारत की सर्वश्रेष्ठ लाइव कलाकार का खिताब भी जीता है। उनके सूफियाना कलाम, भजन एवं गीतों से रविवार, 14 दिसम्बर की शाम संगीतमय होगी।

राज्य शासन के संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन, नगर निगम व पुलिस के सहयोग से आयोजित हो रहे तानसेन समारोह की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। समारोह में शहर के जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों, संगीत प्रेमियों एवं पत्रकारगणों को आमंत्रित किया गया है। समारोह पूर्णत: नि:शुल्क है।

समारोह की सभी व्यवस्थाएं उच्च कोटि की हों : संभाग आयुक्त

ग्वालियर में संगीत शिरोमणि तानसेन की स्मृति में आयोजित 101वे “तानसेन संगीत समारोह” की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। संभागीय आयुक्त मनोज खत्री ने शनिवार को पुलिस महानिरीक्षक अरविंद कुमार सक्सेना, पुलिस उप महानिरीक्षक अमित सांघी, कलेक्टर रुचिका चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय एवं उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक प्रकाश सिंह ठाकुर के साथ तानसेन समाधि परिसर व इंटक मैदान पहुँचकर तैयारियों का जायजा लिया।

इस अवसर पर संभाग आयुक्त खत्री ने आयोजन से जुड़े सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि तानसेन समारोह की सभी व्यवस्थाएं उच्चकोटि की हों। व्यवस्थाएं ऐसी हों जिससे तानसेन समारोह की सभाओं में आने वाले ब्रम्हनाद के साधकों व संगीत रसिकों को यह महसूस हो कि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक आयोजन में मौजूद हैं।

संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर ने मुख्य समारोह स्थल तानसेन समाधि परिसर सहित इसके आसपास साफ-सफाई को और बेहतर करने एवं आवागमन मार्ग को सुगम बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा हजीरा स्थित तानसेन समाधि परिसर में आयोजित होने वाले मुख्य समारोह में संगीत रसिकों के लिये बैठने की उत्तम व्यवस्था रहे। साथ ही निर्देश दिए कि बिजली के बैकअप अर्थात जनरेटर की पुख्ता व्यवस्था रहे, जिससे उदघाटन समारोह सहित सभी संगीत सभायें सुचारू रूप से आयोजित हो सकें। संभागीय आयुक्त ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्य मंच का भी जायजा लिया।

15 से 19 दिसम्बर तक होगा शास्त्रीय संगीत का शीर्षस्थ महोत्सव का आयोजनभारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश व दुनिया का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन संगीत समारोह” संगीतधानी ग्वालियर में 15 से 19 दिसम्बर तक आयोजित होगा। मुख्य समारोह के एक दिन पहले 14 दिसम्बर को सायंकाल इंटक मैदान में समारोह के तहत पूर्वरंग “गमक” का आयोजन होगा। समारोह के तहत 15 दिसम्बर को प्रात:काल तानसेन समाधि पर परंपरागत ढंग से शहनाई वादन, हरिकथा एवं मिलाद गायन होगा। इस दिन सायंकाल औपचारिक रूप से समारोह का शुभारंभ होगा।

मुख्य समारोह में 10 संगीत सभाएँ होंगी

तानसेन संगीत समारोह में इस साल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 15 दिसंबर को सायंकाल तानसेन समाधि परिसर में बनाए गए भव्य मंच पर सजेगी। इसी सभा में राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मान समारोह आयोजित होगा। इसके बाद हर दिन यहीं पर प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 18 दिसम्बर को प्रात:काल 10 बजे से दो संगीत सभायें समानांतर रूप से सजेंगीं। समारोह के आखिरी दिन यानि 19 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा संगीत शिरोमणि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी।___________________

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

Share this story