सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति फातिमा बीवी का 96 साल की उम्र में निधन
नई दिल्ली, 23 नवंबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति फातिमा बीवी का गुरुवार को 96 साल की उम्र में निधन हो गया । उन्होंने गुरुवार सुबह कोल्लम जिले के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। जस्टिस फातिमा बीबी के निधन पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सहित तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपने शोक संदेश में कहा कि न्यायमूर्ति फातिमा बीबी उच्च न्यायपालिका का हिस्सा बनने वाली मुस्लिम समुदाय की पहली महिला थीं, क्योंकि वह सामाजिक परिस्थितियों के नकारात्मक पहलुओं को चुनौतियों के रूप में देखकर उन्हें दूर करने में सक्षम थीं। उन्होंने कहा कि उनका जीवन सभी के लिए, खासकर महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि उन्हें श्रद्धांजलि के तौर पर केरल प्रभा पुरस्कार के लिए चुना गया है।
तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने न्यायमूर्ति एम फातिमा बीवी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि फातिमा बीबी को सार्वजनिक सेवा में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के सदस्यों के साथ हैं।
1983 में सुप्रीम कोर्ट में बनीं न्यायाधीश
फातिमा बीवी ने पथानामथिट्टा के कैथोलिकेट हाईस्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद तिरुवनंतपुरम के कॉलेज से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल करने के बाद वकील के रूप में कार्य करना शुरू किया। इसके बाद वह साल 1974 में जिला और सत्र न्यायाधीश बनीं और 1980 में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण में शामिल हुईं। उनकी सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर 1983 में नियुक्ति हुई।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल
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