पार्टी मीटिंग में सुनील बंसल ने बंगाल भाजपा नेताओं को दी कड़ी चेतावनी, शुभेंदु के बयान को नहीं दिया महत्व
कोलकाता, 22 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में 30 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखने वाली भाजपा को सिर्फ 12 सीटों पर जीत मिली। 2019 में जीती गई आठ सीटें भी हार गईं। इस परिणाम के बाद राज्य भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। लेकिन, केंद्रीय नेतृत्व ने इन आरोपों को तवज्जो नहीं दी। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने कोलकाता में एक बैठक की। इस बैठक में चुनाव परिणामों की समीक्षा की गई।
बैठक में किसी ने संगठनात्मक त्रुटियों या चुनाव के दौरान धन की कमी और वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत की। सूत्रों के अनुसार, बंसल ने शिकायतकर्ताओं से पूछा कि उन्होंने ये सब देखते हुए भी चुप क्यों रहे और संगठनात्मक त्रुटियों को क्यों नहीं सुधारा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उम्मीदवारों के चयन का अंतिम निर्णय पार्टी के सर्वोच्च नेतृत्व का होता है।
लोकसभा चुनाव के बाद विभिन्न राज्यों में भाजपा की कार्यसमिति की बैठकें हो रही हैं। बंगाल में भी यह बैठक हो चुकी है। इसीलिए कोलकाता में भाजपा के राज्य कार्यालय में यह बैठक आयोजित की गई। बैठक में चुनाव परिणामों की समीक्षा और आगामी कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में राज्य भाजपा के पर्यवेक्षक मंगल पांडे और सह-पर्यवेक्षक अमित मालवीय भी उपस्थित थे। राज्य अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और राज्य स्तरीय सभी नेता भी मौजूद थे।
बैठक के पहले सत्र में मुख्य रूप से लोकसभा चुनाव में राज्य नेतृत्व की त्रुटियों पर चर्चा की गई। सबसे अधिक आरोप संगठनात्मक त्रुटियों पर लगे। सांसद सौमित्र खां ने चुनाव के बाद संगठनात्मक त्रुटियों के बारे में खुलकर बात की। सांसद दिलीप घोष ने भी कई सवाल उठाए। कृष्णानगर की उम्मीदवार अमृता राय ने चुनाव खर्च में अनियमितताओं के आरोप लगाए। वित्तीय पारदर्शिता की कमी पर भी कई आरोप लगे।
केंद्रीय नेताओं की उपस्थिति में बैठक की शुरुआत में ही यह मुद्दे उठे। एक नेता ने आरोप लगाया कि निचले स्तर के संगठनात्मक अक्षमताओं के कारण ही खराब परिणाम आए। कई नेताओं ने चुनाव प्रचार के लिए आवश्यक धनराशि समय पर न पहुंचने की शिकायत की। बंसल ने बैठक में उपस्थित नेताओं से उनकी भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि चुनाव के बाद दूसरों पर आरोप लगाना ठीक नहीं है।
परिणाम घोषित होने के बाद सुकांत ने राज्य अध्यक्ष के रूप में हार की जिम्मेदारी ली। बैठक में यह भी कहा गया कि पिछली गलतियों को सुधारते हुए भविष्य के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी है।
दूसरे सत्र में भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हुई। बरसात के पूरी तरह खत्म होने तक बड़े कार्यक्रम नहीं होंगे। फिलहाल कार्यकर्ताओं को वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिए प्रेरित किया जाएगा। अगस्त महीने में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाएंगे। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में 'वोटर धन्यवाद सभा' आयोजित की जाएगी। हारे हुए क्षेत्रों में इस तरह की सभा कब और कैसे होगी, इसका कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर / गंगा राम / प्रभात मिश्रा
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