छत्तीसगढ़ के सुकमा में 33 लाख के 10 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण

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छत्तीसगढ़ के सुकमा में 33 लाख के 10 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण


सुकमा, 12 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के सुकमा में पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज के समक्ष शुक्रवार को 33 लाख के इनामी 10 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इस अवसा पर डीआईजी सीआरपीएफ आनंद सिंह कलेक्टर देवेश ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण, पुलिस अधीक्षक सुकमा, सर्व आदिवासी पदाधिकारी सहित समाज-प्रमुखों, पुलिस अधिकारियों और बड़ी संख्या में जवान उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ शासन एवं भारत सरकार की मंशा के अनुरूप स्थानीय समाज, पुलिस, स्थानीय प्रशासन तथा सुरक्षा बल—क्षेत्र में शांति स्थापित करने, पुनर्वास सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने की दिशा में आज जिला सुकमा में एक महत्त्वपूर्ण सफलता मिली। “पूना मारगेम :

पुनर्वास से पुनर्जीवन” पहल के अंतर्गत आज जिला सुकमा में कुल 10 माओवादी कैडर, जिनमें 06 महिला माओवादी भी शामिल हैं और उन पर कुल ₹33 लाख का इनाम घोषित है। उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

इन आत्मसमर्पित कैडरों ने एक एके-47, दो एसएलआर राइफलें, 01 स्टेन गन, 01 बीजीएल लॉन्चर भी सुरक्षा बलों के समक्ष विधिवत रूप से सौंपे हैं। इनन हथियारों को जमा करने पर कुल ₹08 लाख का इनाम घोषित था। “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन स्थायी शांति और सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक और महत्त्वपूर्ण कदम है।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी ने कहा कि “जिला सुकमा में 10 माओवादी कैडरों का पुनर्वास यह दर्शाता है कि हिंसक और जनविरोधी माओवादी विचारधारा का अंत अब निकट है। लोग ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल पर भरोसा जताते हुए शांति, गरिमा और स्थायी प्रगति का मार्ग चुन रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन, भारत सरकार, बस्तर पुलिस, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल—क्षेत्र में शांति स्थापित करने, पुनर्वास सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 11 महीनों में बस्तर रेंज में 1514 से अधिक माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया है।

बस्तर आईजी ने कहा, “शेष माओवादी कैडर जिनमें Politburo सदस्य देवजी, डीकेएसजेडसी सदस्य पाप्पा राव, देवा (बारसे देवा) तथा अन्य शामिल हैं, उनके पास हिंसा त्यागकर मुख्यधारा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।”

पुलिस अधीक्षक सुकमा किरण चव्हाण ने बताया कि 10 सक्रिय माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में जिले में कुल 263 माओवादी कैडर हिंसा त्यागकर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। यह आँकड़ा बताता है कि क्षेत्र में विश्वास, शांति और विकास की प्रक्रिया लगातार गति पकड़ रही है।

यह उल्लेखनीय है, “पूना मारगम: पुनर्वास से सामाजिक पुनर्समावेशन” पहल के तहत आज वायान वाटिका, सुकमा में एक महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें आज मुख्यधारा में शामिल हुए 10 माओवादी कैडरों ने वे पौधे रोपे, जिन्हें समुदाय के वरिष्ठजनों ने पुनर्समावेशन के प्रतीक के रूप में उन्हें प्रदान किया था।

जिला सुकमा में स्थानीय समुदाय के वरिष्ठजनों की उपस्थिति में पुनर्वासित माओवादी कैडरों द्वारा किए गए पौधारोपण ने आशा और शांतिपूर्ण भविष्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का एक सशक्त प्रतीक प्रस्तुत किया। सुकमा जिला मुख्यालय स्थित पुनर्वास केंद्र के पौधरोपण स्थल का नाम “वायान वाटिका” रखा गया है, जिसका अर्थ स्थानीय आदिवासी गोंडी भाषा में “आशा और भविष्य की बगिया” होता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहन ठाकुर

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