भारत ने पिछले एक साल में 8 नए परमाणु बम बनाये, वारहेड्स की संख्या 172 हुई
- लम्बी दूरी के हथियार बनाने के मामले में भारत के निशाने पर चीन
- दुनियाभर में बढ़ी एटमी हथियारों की संख्या, चीन के पास 500 बम
नई दिल्ली, 17 जून (हि.स.)। दुनियाभर में भले ही एटमी हथियारों की संख्या घट रही हो लेकिन ऑपरेशनल परमाणु हथियारों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। पहली बार चीन के कुछ हथियार हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर हैं। चीन का परमाणु शस्त्रागार जनवरी, 2023 में 410 वॉरहेड से बढ़कर जनवरी, 2024 में 500 हो गया है। इसके और बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा नौ परमाणु हथियार संपन्न देश अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजराइल अपने-अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण जारी रखे हुए हैं।
यह खुलासा सोमवार को स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) की वार्षिक रिपोर्ट में हुआ है। विश्लेषण में कहा गया है कि चीन का परमाणु शस्त्रागार जनवरी, 2023 में 410 वॉरहेड से बढ़कर जनवरी, 2024 में 500 हो गया है और इनकी संख्या इस दशक के अंत तक 1,000 से ऊपर पहुंच सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 2,100 वॉरहेड को बैलिस्टिक मिसाइलों पर उच्च परिचालन अलर्ट की स्थिति में रखा गया है, जिसमें लगभग सभी रूस या अमेरिका के हैं। पहली बार चीन के कुछ हथियार हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर हैं। सीपरी ने कहा कि नौ परमाणु हथियार संपन्न देश अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजराइल अपने-अपने परमाणु शस्त्रागारों का लगातार आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी, 2024 में लगभग 12,121 हथियारों की कुल वैश्विक सूची में से लगभग 9,585 संभावित उपयोग के लिए सैन्य भंडार में हैं। लगभग 3,904 हथियार मिसाइलों और विमानों के साथ तैनात किए गए हैं। थिंक टैंक के अनुसार भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया सभी बैलिस्टिक मिसाइलों पर एक से अधिक वारहेड्स तैनात करने की क्षमता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह क्षमता रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका और चीन के पास पहले से ही है। रूस और अमेरिका के पास कुल परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत है। हालांकि रूस ने जनवरी, 2023 की तुलना में परिचालन बलों के साथ लगभग 36 अधिक वॉरहेड तैनात किए हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के मद्देनजर दोनों देशों में परमाणु बलों के बारे में पारदर्शिता में गिरावट आई है। रिपोर्ट में इस साल जनवरी में भारत के 'संग्रहीत' परमाणु हथियारों की संख्या 172 बताई गई है जबकि पाकिस्तान के पास यह संख्या 170 थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता से ऐसा प्रतीत होता है कि भारत लंबी दूरी के हथियारों पर अधिक जोर दे रहा है, जिसमें पूरे चीन में लक्ष्यों तक पहुंचने में सक्षम हथियार भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह अपनी सेनाओं को किस प्रकार संरचित करता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने पिछले एक साल में 8 नए परमाणु बम बनाए हैं। पाकिस्तान ने पिछले एक साल में कोई नया परमाणु बम नहीं बनाया है।
दुनियाभर में हथियारों की दौड़ पर निगाह रखने वाली स्वीडन के थिंक टैंक सीपरी निदेशक डैन स्मिथ के मुताबिक दुनियाभर में ऑपरेशनल परमाणु हथियारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शीत युद्ध के दौर के हथियारों को धीरे-धीरे खत्म किए जाने के कारण वैश्विक परमाणु हथियारों की कुल संख्या में गिरावट जारी है लेकिन अफसोस की बात है कि हम ऑपरेशनल परमाणु हथियारों की संख्या में साल-दर-साल बढ़ोतरी देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि यह प्रवृत्ति जारी रहेगी और आने वाले वर्षों में इसमें शायद और बढ़ोतरी हो और यह अत्यंत चिंताजनक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्माणाधीन परमाणु हथियारों की संख्या भी बढ़ रही है। जनवरी में दुनियाभर में लगभग 12,121 परमाणु हथियारों में से लगभग 9,585 संभावित उपयोग के लिए सैन्य भंडार का हिस्सा थे। इनमें से लगभग 3,904 परमाणु हथियार मिसाइलों और विमानों पर लगाए गए थे, जो पिछले साल इसी माह के दौरान संख्या में 60 ज्यादा थे। रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका के पास 5044, रूस के पास 5580, यूनाइटेड किंगडम के पास 225, फ्रांस के पास 290, चीन के पास 500, भारत के पास 172, पाकिस्तान के पास 170, उत्तर कोरिया के पास 50 और इजराइल के पास 90 परमाणु हथियार हैं। इस दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1,336 और रूस ने 1,200 यानी 2,536 वारहेड नष्ट किये हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम
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