दुनिया में बदलते युद्ध के तरीकों से वैश्विक स्तर पर बढ़ी हथियार जमा करने की होड़
- यूरोपीय देशों का हथियार आयात हुआ दोगुना, अमेरिका-फ्रांस से हथियारों का निर्यात बढ़ा
- रूसी निर्यात घटा लेकिन पहली बार फ्रांस के बाद तीसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बना
नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। दुनिया में बदलते युद्ध के तौर-तरीकों और सेनाओं के आधुनिकीकरण का ही नतीजा है कि वैश्विक स्तर पर हथियारों को जमा करने की होड़ मची है। हाल ही में रूस-यूक्रेन और हमास-इजराइल संघर्ष ने हथियारों का जखीरा बढ़ाने के लिए कई देशों को आकर्षित किया है। इस वजह से नए-नए हथियार बनाने वाले देशों का निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। यूरोपियन देशों ने प्रमुख हथियारों का आयात लगभग दोगुना ( 94 प्रतिशत) कर दिया है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) की सोमवार को प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय हथियार हस्तांतरण पर रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014-18 और 2019-23 के बीच अंतरराष्ट्रीय हथियार हस्तांतरण की वैश्विक मात्रा में 3.3 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार 2019-23 में यूरोपीय देशों ने हथियारों के आयात का लगभग 55 प्रतिशत संयुक्त राज्य अमेरिका से किया था, जो 2014-18 में 35 प्रतिशत से अधिक था। सीपरी के निदेशक डैन स्मिथ ने कहा कि यूरोपीय देश आधे से अधिक हथियारों का आयात संयुक्त राज्य अमेरिका से करते हैं।
उन्होंने कहा कि 2014-18 और 2019-23 के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका के हथियारों के निर्यात में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कुल वैश्विक हथियार निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 34 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हो गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2019-23 में 107 देशों को प्रमुख हथियार वितरित किए, जो पिछले पांच साल की अवधि की तुलना में अधिक है। 2019-23 में हथियारों के निर्यात में संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के राज्यों की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत, जबकि 2014-18 में यह 62 प्रतिशत थी। यूरोपियन देशों ने प्रमुख हथियारों का आयात लगभग दोगुना ( 94 प्रतिशत) कर दिया है। चीन के दो पूर्वी एशियाई पड़ोसियों में जापान ने 155 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया ने 6.5 प्रतिशत हथियारों के आयात में वृद्धि की है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014-18 और 2019-23 के बीच फ्रांस के हथियारों के निर्यात में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पहली बार रूस के मुकाबले फ्रांस दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बन गया है। फ्रांस के हथियार निर्यात का सबसे बड़ा हिस्सा (42 प्रतिशत) एशिया और ओशिनिया के राज्यों को और अन्य 34 प्रतिशत मध्य पूर्वी राज्यों को गया। फ्रांसीसी हथियारों का 30 फीसदी निर्यात भारत को किया गया। फ्रांसीसी हथियारों के निर्यात में वृद्धि मुख्य रूप से भारत, कतर और मिस्र को लड़ाकू विमानों की डिलीवरी के कारण हुई है। पाकिस्तान ने अपने हथियारों के आयात में 43 प्रतिशत की वृद्धि की है। 2019-23 में पाकिस्तान पांचवां सबसे बड़ा हथियार आयातक बना है। पाकिस्तान ने चीन से हथियारों का 82 प्रतिशत आयात किया है।
रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि रूसी हथियारों के निर्यात में 2014-18 और 2019-23 के बीच 53 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले पांच वर्षों के दौरान यह गिरावट तेजी से हुई है, क्योंकि रूस ने 2019 में 31 देशों को और 2023 में केवल 12 देशों को हथियारों का निर्यात किया। 2019-23 में एशिया और ओशिनिया के राज्यों को कुल रूसी हथियार निर्यात का 68 प्रतिशत प्राप्त हुआ, जिसमें भारत का हिस्सा 34 प्रतिशत और चीन का 21 प्रतिशत था। इटली का 86 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का 12 प्रतिशत हथियार निर्यात बढ़ा है जबकि चीन में 5.3 प्रतिशत, जर्मनी में 14 प्रतिशत, यूनाइटेड किंगडम में 14 प्रतिशत, स्पेन में 3.3 प्रतिशत और इज़राइल में 25 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम
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