स्पेशल फोर्सेज ट्रेनिंग स्कूल में सेनाध्यक्ष ने किया वर्टिकल विंड टनल का उद्घाटन

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स्पेशल फोर्सेज ट्रेनिंग स्कूल में सेनाध्यक्ष ने किया वर्टिकल विंड टनल का उद्घाटन

- कॉम्बैट फ्री फॉल कौशल को निखारने के लिए तैयार की गई है यह सुरंग

- टनल की स्थापना बुनियादी प्रशिक्षण ढांचे के आधुनिकीकरण का हिस्सा

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)। सेना के विशेष बलों को प्रशिक्षण देने के लिए हिमाचल प्रदेश के बकलोह में पहली वर्टिकल विंड टनल (डीडब्ल्यूटी) बनाई गई है। सशस्त्र बल कर्मियों में कॉम्बैट फ़्री फ़ॉल कौशल को निखारने के लिए यह सुरंग तैयार की गई है। स्पेशल फोर्सेज ट्रेनिंग स्कूल में कॉम्बैट फ्री फॉल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में वर्टिकल विंड टनल से कई लाभ होंगे। इसका उद्घाटन थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने किया है।

दरअसल, भारतीय सेना में चल रहे परिवर्तन के हिस्से के रूप में प्रशिक्षण पद्धतियों में प्रौद्योगिकी को शामिल किया जा रहा है। वर्टिकल विंड टनल की स्थापना भी उसी दिशा में एक कदम है। फ्री फॉल सिम्युलेटर के रूप में कार्य करते हुए वर्टिकल विंड टनल विभिन्न कॉम्बैट फ्री फॉल स्थितियों को व्यवस्थित करती है। यह प्रणाली एक नियंत्रित वातावरण प्रदान करती है, जो प्रशिक्षुओं को वास्तविक जीवन की फ्री फॉल स्थितियों का अनुकरण करके अपने कौशल को बढ़ाने में सक्षम बनाती है।

स्पेशल फोर्सेज ट्रेनिंग स्कूल में कॉम्बैट फ्री फॉल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में वर्टिकल विंड टनल से कई लाभ होंगे। यह सिस्टम उन विभिन्न परिदृश्यों का अनुकरण करता है, जो हवाई परिचालन वातावरण में कई स्थितियों में व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं का आकलन करने में महत्वपूर्ण है। यह हवा में पैराशूट तैनाती के दौरान संभावित अस्थिरता को कम करता है, जिससे प्रशिक्षुओं को फ्री-फॉल स्थितियों के लिए अभ्यस्त होने में सहायता मिलती है। वर्टिकल विंड टनल न केवल शुरुआती लोगों के लिए फायदेमंद है, बल्कि अनुभवी फ्री-फॉलर्स और कॉम्बैट फ्री फॉल प्रशिक्षकों को उन्नत प्रशिक्षण देने के लिए असाधारण संसाधन भी है।

हिमाचल प्रदेश के बकलोह में पहली वर्टिकल विंड टनल की स्थापना भारतीय सेना में बुनियादी प्रशिक्षण ढांचे के आधुनिकीकरण का हिस्सा है। यह भारतीय सेना में अपनी तरह की पहली परियोजना है, जो विशेष बलों को लड़ाकू फ्री फॉल पर सिम्युलेटेड प्रशिक्षण प्रदान करेगी। यह भविष्य के लिए तैयार भारतीय सेना की परिचालन तत्परता को काफी बढ़ाने के लिए तैयार है, जिससे सुनिश्चित होगा कि विशेष बल वर्तमान और भविष्य के युद्ध क्षेत्र की समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/दधिबल

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