दिल्ली के जंतर मंतर पर नहीं मिली अनुमति, लद्दाख भवन में अनशन पर बैठे सोनम वांगचुक
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (हि.स.)। लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक दिल्ली के लद्दाख भवन में रविवार को भूख हड़ताल पर बैठे। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनूसूची में शामिल करने की मांग को लेकर वह राजघाट या जंतर-मंतर पर अनशन करना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई। इसके कारण वह जहां ठहरे थे वहीं भूख हड़ताल पर बैठ गए।
वांगचुक ने भूख हड़ताल शुरू करने से पहले मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें कहीं और धरने का स्थान नहीं मिलने के कारण वह यहां बैठे हैं। इस दौरान करीब 18 लोग उनके साथ धरने में बैठे हैं।
जंतर-मंतर पर बैठने की अनुमति नहीं मिलने के बाद आज उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि आखिरकार आज सुबह हमें विरोध प्रदर्शन के लिए आधिकारिक तौर पर निर्धारित स्थान के लिए यह अस्वीकृति पत्र मिला। अगर जंतर-मंतर पर जाने की अनुमति नहीं है तो कृपया हमें बताएं कि किस स्थान पर जाने की अनुमति है। हम सभी कानूनों का पालन करना चाहते हैं और फिर भी शांतिपूर्ण तरीके से अपनी शिकायत व्यक्त करना चाहते हैं। गांधी के देश में उनके रास्ते पर चलना इतना मुश्किल क्यों है? कोई रास्ता तो होना ही चाहिए।
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि लद्दाख भवन में भूख हड़ताल पर पदयात्री भी हैं। नई दिल्ली में अपने अनशन के लिए वैध स्थान खोजने के लिए हर संभव प्रयास करने के बाद हमने आखिरकार यहां लद्दाख भवन में अपना अनशन शुरू किया है। हमारे बीच 75 वर्षीय बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष हैं, जिन्होंने लेह से दिल्ली तक 32 दिनों तक लगभग 1,000 किमी की पैदल यात्रा की।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा
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