(एक्सक्लूसिव स्टोरी) इसरो का दूसरा लॉन्च पैड छोटे उपग्रहों को लॉन्च करने में मदद करेगा: इसरो अध्यक्ष
-तमिलनाडु ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में सम्मिलित हुए इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ
-तमिलनाडु सरकार स्पेस इंडस्ट्रियल पार्क और एक प्रोपेलेंट पार्क शुरू करेगा
चेन्नई (तमिलनाडु), 07 जनवरी (हि.स.)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने रविवार को कहा कि तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में दूसरा लॉन्च पैड बनाने के पीछे का मकसद श्रीहरिकोटा को प्रतिस्थापित करना नहीं है, बल्कि छोटे रॉकेट और उपग्रहों के प्रक्षेपण का समर्थन करने के लिए एक वैकल्पिक साइट बनाना है।
तमिलनाडु ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के तीसरे संस्करण में एक सत्र को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 की दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग होगी। चंद्रमा महज एक वैज्ञानिक घटना नहीं बल्कि एक भावनात्मक मुद्दा बन गया है। युवा इस मिशन से बहुत प्रेरणा ले रहे हैं और काम करने के इच्छुक हैं।
इसरो अध्यक्ष सोमनाथ ने कहा, “मिशन की सफलता ने युवाओं के मन में एक भावनात्मक उत्साह पैदा किया। अब युवाओं में खगोल वैज्ञानिक बनने को लेकर काफी उत्साह है और वो इसरो से जुड़ना चाहते हैं तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर काम करना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे इस तरह की घटना एक बड़ी घटना को जन्म दे सकती है। उन्होंने कहा कि अगर उपलब्धियों को उचित तरीके से जनता के सामने रखा जाए तो लोगों के मन पर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने यह पता लगाने के लिए व्यापक अभ्यास किया कि इसमें क्या गलत हुआ? उन्होंने आगे कहा कि चंद्रयान-2 मिशन, जो तीसरे उपग्रह के निर्माण से पहले चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जो एक मानव रहित मिशन के रूप में अत्यधिक सफल रहा।
गगनयान पर सोमनाथ ने कहा कि वर्ष 2024 देश के पहले मानवयुक्त मिशन की तैयारी का साल होगा। अंतरिक्ष मिशन पर जोर देते हुए कहा कि एजेंसी अंत तक सभी मानवरहित उड़ानें पूरी करने की योजना बना रही है। सोमनाथ ने कहा, “इस मिशन को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। जबकि महत्वपूर्ण लक्ष्य और हमारा शेड्यूल है कि मिशन अधिक सुरक्षित रहे।”
कुलसेकरपट्टिनम पर इसरो प्रमुख ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी को एक विकल्प की आवश्यकता महसूस हुई। लॉन्च साइट जो देश के लिए भौगोलिक दृष्टि से लाभप्रद है। नया लॉन्चपैड मदद करेगा इसरो ईंधन बचाता है और छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) लॉन्च करने के लिए एक समर्पित है।
कुलसेकरपट्टिनम में एक स्पेसपोर्ट ईंधन बचाने में मदद करेगा क्योंकि यहां से उपग्रह सीधे लॉन्च किए जा सकते हैं। श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किए गए विमानों के विपरीत दक्षिण की ओर यात्रा करें जो उड़ान भरने के बाद दक्षिण-पूर्व दिशा में श्रीलंका के ऊपर से उड़ान भरने से बचने और एक तीव्र युद्धाभ्यास करने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दक्षिणी ध्रुव की ओर उड़ान भरते हैं।
उन्होंने प्रक्षेपण के समय के मामले में कहा, “हमें उभरते लॉन्च अभिनेताओं का समर्थन करने की ज़रूरत है, खासकर उन लोगों का जो छोटे निर्माण कर रहे हैं। उपग्रह और रॉकेट इसरो को उच्च पेलोड क्षमता प्रदान करेगा और कम टर्नअराउंड सक्षम करेगा। वैश्विक लघु उपग्रह बाजार के दुनिया भर में तीव्र गति से बढ़ने का अनुमान है। राज्य सरकार अंतरिक्ष को आकर्षित करने के लिए एक स्पेस इंडस्ट्रियल पार्क और एक प्रोपेलेंट पार्क शुरू करने पर विचार कर रही है।
राज्य सरकार ने 950 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए भूमि की व्यवस्था लगभग पूरा कर लिया है। पादुक्कापथु, पल्लाकुरिची में इसरो द्वारा मांगी गई 2,300 एकड़ भूमि में से 2,200 से अधिक भूमि की व्यवस्था थूथुकुडी में कुलसेकरपट्टिनम और सथानकुलम तालुकों के मथावनकुरिची गांव को लेकर कर लिया गया है।
वैश्विक लघु उपग्रह बाजार के दुनिया भर में तीव्र गति से बढ़ने का अनुमान है। राज्य सरकार अंतरिक्ष से संबंधित विनिर्माण और अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) फर्मों को आकर्षित करने के लिए एक अंतरिक्ष औद्योगिक पार्क और एक प्रोपेलेंट पार्क शुरू करने पर विचार कर रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ आर.बी. चौधरी/आकाश
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