सियाचिन में शहीद मप्र के जवान विवेक सिंह तोमर पंचतत्व में विलीन

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सियाचिन में शहीद मप्र के जवान विवेक सिंह तोमर पंचतत्व में विलीन


- सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि

मुरैना, 17 जनवरी (हि.स.)। सियाचिन के दुरमुख कैंप में चार दिन पहले दम घुटने से शहीद भारतीय सेना के जवान मध्यप्रदेश के सपूत विवेक सिंह तोमर पंचतत्व में विलीन हो गए। मंगलवार को उनके पैतृक गांव मुरैना जिले अम्बाह तहसील अंतर्गत ग्राम रुअर में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंत्येष्टि में पूरा गांव उमड़ पड़ा। शहीद को बड़े बेटे अर्धमन (15) ने नम आंखों से मुखाग्नि दी। छोटे बेटे ने पिता के पैर छूकर अंतिम विदाई दी। इस दौरान सभी लोगों की आंखें नम हो गईं। लोगों ने भारत माता की जय, विवेक सिंह तोमर अमर रहे के नारे लगाए।

दरअसल, गत 11 जनवरी की दोपहर सियाचीन के दुरमुख कैंप की थर्मोस्टेटिक बिल्डिंग के तापमान नियंत्रक में आई खराबी के चलते पूरी बिल्डिंग में धुंआ हो गया था। इस दौरान सभी जवान बिल्डिंग से बाहर निकल आए। वहीं हवलदार विवेक सिंह तोमर तापमान नियंत्रक में आई तकनीकी खराबी को ठीक करने वापस अंदर चले गए, जहां उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद तोमर को ऑक्सीजन लगाकर प्राथमिक इलाज दिया गया। उनकी हालत बिगड़ते देख सैनिकों ने अस्पताल पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर की मदद बुलाई। उस दिन तापमान -52 डिग्री सेल्सियस था। साथी विवेक को पैदल ही दूसरे कैंप तक ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उन्हें खून की उल्टी हुई और उन्होंने दम तोड़ दिया।

हवलदार विवेक सिंह तोमर 30 मार्च 2002 भारतीय सेना में जीडी के पद पर राज रिफ में भर्ती हुए थे। वे वर्तमान में चाइना बॉर्डर पर सियाचिन के दुरमुख सेक्टर में आर्मी में हवलदार के पद पर थे। उनका छोटा भाई धर्मेंद्र सिंह तोमर दफेदार 57 आर्म्ड रेजिमेंट इंडियन आर्मी में है। शहीद हवलदार विवेक सिंह के माता-पिता अंबाह में ही रहते हैं। पिता हरी सिंह तोमर रिटायर्ड शिक्षक हैं। शहीद के दोनों बेटे अर्धमन (15) और हर्षवर्धन (11) ग्वालियर में अपनी मां के साथ रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। बड़ा बेटा 10वीं कक्षा में और छोटा 7वीं में हैं। विवेक सिंह तोमर दोनों बेटों को डॉक्टर बनाना चाहते थे।

विवेक सिंह तोमर दीपावली पर छुट्टी लेकर घर आए थे। इसके बाद वे एक महीने की छुट्टी घर पर बिताकर वापस सियाचिन लौट गए थे। उन्होंने घर पर बताया था कि वह फरवरी महीने में दोबारा छुट्टी लेंगे। इस बार वे होली का त्योहार घर में ही मनाने की योजना बना रहे थे। शहीद विवेक सिंह तोमर के छोटे भाई आर्मी जवान धर्मेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम चाहते हैं कि गांव में सड़क के किनारे भाई के नाम पर शहीद पार्क बनाया जाए। वहां से गुजरने वाले लोग देखें और भाई के सेना में शहीद होने पर गर्व महसूस करें।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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