पश्चिम बंगाल के शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में किया प्रदर्शन
कोलकाता/नई दिल्ली, 19 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में 2016 की राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी) से नियुक्त ‘अयोग्य’ शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को लेकर उच्चतम न्यायालय के हालिया निर्देश के बीच शुक्रवार को नई दिल्ली में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी शिक्षक नई भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग को लेकर राहत की उम्मीद जता रहे थे, लेकिन अदालत द्वारा ऐसी किसी राहत से इनकार किए जाने के बाद उनका आक्रोश सामने आया।
दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने कहा कि वे न्यायालय के निर्देशों का सम्मान करते हैं, लेकिन नई भर्ती प्रक्रिया के दौरान अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
इस बीच, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार 2016 एसएलएसटी के तहत नियुक्त वे शिक्षक, जिन पर किसी प्रकार का प्रत्यक्ष आरोप सिद्ध नहीं हुआ है, उन्हें 31 अगस्त, 2026 तक सेवा में बने रहने की अनुमति दी गई है।
इस संबंध में डब्ल्यूबीबीएसई के सचिव सुब्रत घोष ने कहा कि हमें खुशी है कि 18 दिसंबर को बोर्ड द्वारा दायर आवेदन को उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। साल 2016 एसएलएसटी के वे शिक्षक, जिन पर विशेष रूप से कोई आरोप नहीं है, अब 31 अगस्त तक काम करते रहेंगे। यह निर्णय छात्रों और पश्चिम बंगाल की स्कूली शिक्षा व्यवस्था के हित में लिया गया एक दूरदर्शी कदम है।
गौरतलब है कि, 3 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का हवाला देते हुए 2016 की पूरी एसएलएसटी पैनल को रद्द कर दिया था। इसके चलते राज्य-संचालित और राज्य-सहायता प्राप्त स्कूलों के कुल 25,753 शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी अपनी नौकरियां खो बैठे थे। ये नियुक्तियां कक्षा 9-12 तक के लिए की गई थीं।
इसके बाद शीर्ष अदालत ने राहत देते हुए उन 15,403 शिक्षकों को, जिनकी कथित घोटाले में प्रत्यक्ष संलिप्तता सामने नहीं आई थी। उन्हें 31 दिसंबर, 2025 तक सेवा में बने रहने की अनुमति दी थी और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) को उसी समय-सीमा के भीतर नई भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था।
हालांकि, गुरुवार को उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राज्य शिक्षा विभाग की याचिका स्वीकार करते हुए नई भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की समय-सीमा को बढ़ाकर 31 अगस्त, 2026 कर दिया। इसके साथ ही ‘अयोग्य’ शिक्षकों को भी उसी तिथि तक सेवा में बने रहने की अनुमति मिल गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

