राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल संवर्धन और रोजगारपरक शिक्षा को दी प्राथमिकता: शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल संवर्धन और रोजगारपरक शिक्षा को दी प्राथमिकता: शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान


राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल संवर्धन और रोजगारपरक शिक्षा को दी प्राथमिकता: शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान


-गुजरात सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सुदृढ़ क्रियान्वयन के लिए तैयार किया 10 वर्ष का रोडमैप : भूपेन्द्र पटेल

गांधीनगर, 26 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को नर्मदा जिले के एकता नगर स्थित टेंट सिटी-2 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के क्रियान्वयन को लेकर आयोजित पश्चिमी क्षेत्र के कुलपतियों और एनईपी समन्वयकों के एक दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। गुजरात, महाराष्ट्र, दमण और दीव, गोवा और दादरा एवं नगर हवेली के 400 से अधिक महानुभावों (कुलपतियों एवं एनईपी समन्वयकों) ने सम्मेलन में हिस्सा लिया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा, उच्च तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल और शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुलभाई पानसेरिया की उपस्थिति में आयोजित सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा क्षेत्र को समृद्ध एवं क्षमता-केंद्रित बनाने के लिए विषय विशेषज्ञों ने यहां सामूहिक विचार-मंथन किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं राज्य के मंत्रियों की उपस्थिति में एक शैक्षिक प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में तैयार की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य देश भर में शिक्षा के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि नए भारत के भविष्य निर्माण के लिए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के विजन को सार्थक करने के लिए गंगा जी से लेकर नर्मदाजी तक की यह यात्रा पूर्णतः सफल रहेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाएं भारत की विकास यात्रा का महत्वपूर्ण अंग रही हैं। भारत की सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं, और इसलिए ही एनईपी 2020 में भी प्रादेशिक भाषाओं को प्राथमिकता दी गई है, ताकि सामाजिक व्यवहार को अकादमिक अभ्यास की दिशा में ले जाया जा सके, क्योंकि भारतीय ज्ञान परम्परा दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल संवर्धन और रोजगारपरक शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत को एक करना भी शिक्षा का ही एक हिस्सा है, और भारत की रियासतों को एक करने वाले अखंड भारत के शिल्पी सरदार साहब की प्रतिमा के सान्निध्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न चार तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों की बीच होने वाली चर्चा उसके क्रियान्वयन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। केंद्रीय मंत्री ने गुजरात सरकार द्वारा अपने बजट में विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिए आवंटित 1800 करोड़ रुपये की भारी धनराशि का उल्लेख करते हुए उसे एक सराहनीय कदम बताया और राज्य सरकार को बधाई दी।

10वीं वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के अन्तर्गत प्री-समिट के रूप में आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षों पुरानी शिक्षा नीति में नए जमाने के अनुरूप बदलाव कर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लॉन्च की है, जो भारत को ग्लोबल एजुकेशन हब बनाने तथा विकसित भारत के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाएगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए देश के समूचे शैक्षिक इकोसिस्टम को और अधिक सुदृढ़ बनाने में यह सम्मेलन काफी उपयोगी सिद्ध होगा। गुजरात सरकार ने भी समग्र शिक्षा, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के ध्येय को साकार करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सुचारू क्रियान्वयन के लिए दस वर्ष का रोडमैप भी तैयार कर लिया है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री तथा राज्य के मंत्रियों ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए मार्गदर्शिका के रूप में तैयार की गई बुकलेट- ‘एनईपी एसओपी’ (राष्ट्रीय शिक्षा नीति- मानक संचालन प्रक्रिया) तथा महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं टिकाऊ विकास, विषय के अंतर्गत शिक्षा की सर्वोत्तम प्रणालियों में उपयोगी दो पुस्तिकाओं का विमोचन किया।

इस अवसर पर गुजरात के स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव मुकेश कुमार समेत शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुलभाई पानसेरिया, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार हसमुख अढिया, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम, तकनीकी शिक्षा विभाग के आयुक्त बंछानिधि पाणी, उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक पी.बी. पंड्या, नॉलेज कंसोर्टियम ऑफ गुजरात (के.सी.जी.) के सलाहकार प्रो. ए.यू. पटेल, महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. (डॉ.) विजय कुमार श्रीवास्तव सहित भारत के पश्चिमी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा विशेषज्ञ और अध्यापकों सहित आमंत्रित प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/वीरेन्द्र

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