झीलों, नदियों, बंदरगाहों और अन्य जल निकायों के तलछट में जमी गाद, कचरे काे उपयाेग लायक बनाने पर हाेगा शाेध
नई दिल्ली, 13 जुलाई (हि.स.)। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने ड्रेज्ड सेडिमेंट्स (झीलों, नदियों, बंदरगाहों और अन्य जल निकायों के तलछट में जमा गाद, कचरा आदि) के मूल्यवर्धन पर एक शोध प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की स्वीकृत अनुमानित लागत 46,47,380/- रुपये है। इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (आईआईटी बॉम्बे) तीन वर्षों की अवधि में क्रियान्वित करेगा। मंत्रालय ने शनिवार काे एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
मंत्रालय के मुताबिक इस प्रस्ताव पर अतिरिक्त सचिव (बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग) की अध्यक्षता में 45वीं शोध समिति की बैठक में गहन विचार-विमर्श किया गया। विस्तृत चर्चा के बाद शोध समिति ने अध्ययन के संभावित लाभों को देखते हुए प्रस्ताव को आगे विचार के लिए अनुशंसित किया। इस अनुशंसा के बाद प्रस्ताव को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी गई है। ड्रेज्ड सेडिमेंट्स को उपयोगी निर्माण वस्तुओं में बदलकर पर्यावरण संबंधी समस्याओं का निदान और संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / बिरंचि सिंह / रामानुज
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