मप्रः लिपटकर रोई लाडली बहनें तो शिवराज की आंखों में आ गए आंसू

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मप्रः लिपटकर रोई लाडली बहनें तो शिवराज की आंखों में आ गए आंसू


मप्रः लिपटकर रोई लाडली बहनें तो शिवराज की आंखों में आ गए आंसू


मप्रः लिपटकर रोई लाडली बहनें तो शिवराज की आंखों में आ गए आंसू


-दोपहर में खेत में चलाया ट्रैक्टर, शाम को बहनों को रोता देख रो पड़े शिवराज

भोपाल, 14 दिसंबर (हि.स.)। लाडली बहना योजना की लाभार्थी महिलाओं ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को भावुक कर दिया। शिवराज गुरुवार शाम को विदिशा के बाढ़ वाले गणेश मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। इसकी जानकारी लगते ही वहां भीड़ उमड़ पड़ी। भारी संख्या में महिलाएं भी वहां पहुंच गई। लाडली बहनें शिवराज सिंह से लिपटकर रोने लगीं, जिसे देख उनकी आंखों में भी आंसू आ गए। लाडली बहनों ने शिवराज सिंह के समर्थन में नारेबाजी की।

शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में काफी लोकप्रिय हैं। इसके चलते युवा उन्हें मामा कहते हैं, वहीं महिलाएं शिवराज सिंह चौहान को 'भाई' कहती हैं। शिवराज सिंह जैसे ही विदिशा के बाढ़ वाले गणेश मंदिर पर पहुंचे तो यहां कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। वहां पहले से उपस्थित लाडली बहनों ने शिवराज को घेर लिया। नारेबाजी करते हुए लाड़ली बहनें उनके गले लगकर रोने लगी। उनको रोता देख भैया शिवराज भी भावुक हो गए और उनकी आंखों से भी आंसू निकल पड़े।

शिवराज सिंह चौहान बुधवार तक प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री थे। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी दिनचर्या काफी व्यस्त रहती थी। कुर्सी छोड़ने के बाद गुरुवार को उनका अलग अंदाज देखने को मिला। हालांकि, प्रतिदिन की भांति वे सुबह पांच बजे उठे और एक घंटे योग और ध्यान किया। उन्होंने प्रतिदिन की तरह पौधारोपण भी किया।

शिवराज का कृषि प्रेम किसी से छिपा नहीं है। विदिशा जिले के निमखिरिया में उनका अपना फार्म है। वे यहां अपने खेत पर जब भी पहुंचते तो एक किसान बन जाते हैं। गुरुवार दोपहर जब वे यहां पहुंचे तो कर्मचारियों से बात की और करीब एक बीघा खेत में उन्होंने ट्रैक्टर चलाकर चना की बोवनी की। इसके बाद शाम को बाढ़ वाले गणेश मंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह जब बाढ़ वाले गणेश मंदिर आते थे तो चेहरे परिचित हुआ करते थे, लेकिन इस बार वे पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में बाढ़ वाले गणेश मंदिर पहुंचे तो कई अनजान चेहरे भी वहां थे, जो बस अपने भैया और मामा से मिलने आए थे। कार से उतरते ही महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और जब भावनाओं का समंदर उमड़ा तो शिवराज भी रो पड़े।

बहनों की हालत तो यह थी कि वे उनसे लिपटकर रो रही थीं। ऐसे में शिवराज बहनों के सिर पर हाथ रखकर उन्हें सांत्वना देते रहे। इस दौरान कई बार वे भी भावुक हो गए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे उन्हें छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। उनकी जान तो बहनों और बच्चों में बसती है। मंदिर के प्रवेश द्वार तक महिलाओं के अलग-अलग समूह अपने भाई के पास पहुंचने को आतुर थे। पूरा परिसर 'आंधी नहीं तूफान है, शिवराज सिंह चौहान है और हमारा मुख्यमंत्री हमें वापस चाहिए' के नारों से गूंज रहा था। शिवराज बड़े मुश्किल से मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे और भगवान गणेश की पूजा की।

पूजन के शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मामा का रिश्ता प्यार का और भाई का रिश्ता विश्वास का है। वे इन दोनों रिश्तों को अंतिम सांस तक टूटने नहीं देंगे। आज मुख्यमंत्री भले ही नहीं हूं, लेकिन महिलाओं के लिए लखपति बहना का जो सपना बुना है, उसे पूरा करूंगा। इसके लिए दिमाग में पूरी कार्ययोजना तैयार है। अब तक सामने रहकर कार्य करता था, अब सरकार के पीछे रहकर कार्य करता रहूंगा। महात्मा गांधी ने भी तो बिना किसी पद पर रहते ही काम किया।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश

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